हार के भय से आधारहीन आरोप लगा रहे हैं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री: YSR कांग्रेस
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की थी और यह आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा था कि राज्य में गत बृहस्पतिवार को मतदान के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम में गड़बड़ी आयी और अपर्याप्त सुरक्षा के चलते हिंसा की घटनाएं हुईं।
हैदराबाद। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को दावा किया कि हार का भय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को आधारहीन आरोप और बेतुकी टिप्पणी करने के लिए बाध्य कर रहा है। वाईएसआर कांग्रेस ने नायडू के चुनाव आयोग जाने के उनके कदम को सहानुभूति हासिल करने का एक प्रयास करार दिया। नायडू ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा से मुलाकात की थी और यह आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपा था कि राज्य में गत बृहस्पतिवार को मतदान के दौरान बड़ी संख्या में ईवीएम में गड़बड़ी आयी और अपर्याप्त सुरक्षा के चलते हिंसा की घटनाएं हुईं।
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उन्होंने मतदान से पहले कई अधिकारियों के तबादलों पर सवाल उठाते हुये शनिवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग आंध्र प्रदेश में चुनाव के दौरान ‘संवैधानिक कर्तव्य की भावना पर खरा उतरने में विफल’ रहा जो कि देश में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा है। तेदेपा प्रमुख ने यह भी मांग की कि आयोग मतपत्र प्रणाली से चुनाव कराने की व्यवस्था पर वापस लौटे। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी महासचिव एस रामकृष्ण रेड्डी ने पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि नायडू का नाटक चुनाव प्रचार समाप्त होने के दिन से शुरू हुआ और वह अपनी असहमति को बनाये रखने के लिए एक के बाद एक हथकंडे का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि हार का भय नायडू को निराधार आरोप लगाने और बेतुकी टिप्पणी करने के लिए बाध्य कर रहा है। रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने प्रत्येक मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया और इसका आरोप विपक्ष पर लगाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि नायडू ने पूरे समय यह आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पक्षपाती है। रेड्डी ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के लोग बाहर से नहीं आये और वे सरकारी मशीनरी का हिस्सा हैं। पुलिस अधीक्षकों, डीआईजी और मुख्य सचिव का स्थानांतरण तथ्यों एवं प्रक्रिया पर विचार करने के बाद किया गया और इसे मनमाना नहीं कहा जा सकता।
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