सबरीमाला में दो महिलाओं ने की पूजा, बोलीं- हम नहीं हैं किसी भी एजेंडे का हिस्सा
दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों के बावजूद सबरीमाला मंदिर में पूजा करने वाली दोनों महिलाओं ने कहा कि वह किसी भी एजेंडे का हिस्सा नहीं हैं।
तिरूवनंतपुरम। दक्षिणपंथी संगठनों की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए सबरीमाला मंदिर में पूजा अर्चना करके इतिहास रचने वालीं रजस्वला वाली उम्र की दो महिलाओं बिंदू और कनकादुर्गा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह किसी के एजेंडे का हिस्सा नहीं हैं। करीब 40 साल की उम्र की महिलाओं ने इन आरोपों को ‘बेबुनियाद’ करार दिया कि वे पुलिस और सरकार के हाथों में खेल रही हैं।
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उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य सबरीमाला मंदिर में दर्शन करना था और उन्होंने इस लक्ष्य को भक्तों की ओर से किसी दिक्कत का सामना किये बगैर हासिल कर लिया। कनकादुर्गा ने कहा, ‘सबरीमला जाने वाले सभी श्रद्धालुओं ने बहुत सहयोग किया। हमें अन्य भक्तों से कोई दिक्कत नहीं हुई। हम मंदिर से सुरक्षित उतर आए।’ ‘मनोरमा’ चैनल को दिये साक्षात्कार में कनकादुर्गा ने कहा, ‘सबरीमाला जाना मेरा अपना फैसला था।’
Congress MP K Suresh on #Sabarimala women entry issue: We're observing 'black day' in Kerala today. State govt is challenging the sentiments of devotees of #Sabarimala. With the sponsor of state govt, these two young women entered the temple. They are activists, they are maoists pic.twitter.com/jBtMp9wIBt
— ANI (@ANI) January 3, 2019
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