सेना प्रमुख ने लद्दाख दौरे के बाद कहा, राष्ट्र हम पर भरोसा कर सकता है

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सेना ने बताया कि जनरल नरवणे को सर्दियों में सेना के लिए साजो-सामान संबंधी व्यवस्थाओं तथा अभियान संबंधी तैयारियों की स्थिति पर भी जानकारी दी गयी। बयान के अनुसार उन्होंने बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं के लिए किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।

नयी दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जे के लिए, चीन द्वारा नए सिरे से किए गए विफल प्रयासों के बाद क्षेत्र में बढ़े तनाव के बीच शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हालात ‘तनावपूर्ण’ हैं और भारतीय सैनिक हरसंभव आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। लद्दाख का अपना दो दिन का दौरा समाप्त करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना ने कुछ क्षेत्रों में एहतियातन तैनाती की हैं और फौज देश की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए भलीभांति तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र हम पर भरोसा कर सकता है।’’ सेना प्रमुख ने क्षेत्र में भारत की सुरक्षा तैयारियों की व्यापक समीक्षा की तथा हालात का प्रत्यक्ष आकलन करने के लिए अनेक संवेदनशील अग्रिम चौकियों का दौरा किया। उन्होंने कहा, ‘‘एलएसी पर हालात तनावपूर्ण हैं। हमने कुछ इलाकों में एहतियातन तैनाती की हैं। सैनिक किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। केवल एलएसी पर ही ये सभी कार्रवाई की गयी हैं।’’ कई जगहों पर सैनिकों तथा वरिष्ठ कमांडरों के साथ बातचीत में सेना प्रमुख ने उनसे चौकन्ना रहने तथा अभियान संबंधी उच्च स्तर की तैयारियां बनाकर रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘अपने जवानों और स्थानीय कमांडरों को उच्च मनोबल के साथ तथा अच्छी सेहत में देखना बहुत संतोषप्रद है। यह मुझे भरोसा दिलाता है कि वे हमारे राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए भलीभांति तैयार हैं। भारतीय सेना अपनी प्रतिबद्धता और संकल्प के लिए जानी जाती है।’’ जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हम तनाव को कम करने के लिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए सभी मौजूदा प्रणालियों का उपयोग करते रहेंगे कि यथास्थिति एकपक्षीय तरीके से न बदली जाए।’’ भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में अनेक स्थानों पर गतिरोध की स्थिति है। पैंगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने पांच दिन पहले झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया। 

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सेना ने जनरल नरवणे का दौरा समाप्त होने के समय उनके दिये गये बयान के हवाले से कहा, ‘‘पिछले तीन महीने से दोनों पक्ष हालात का समाधान निकालने में लगे हैं। सैन्य और कूटनीतिक चैनल काम कर रहे हैं। भारतीय पक्ष एलएसी पर मौजूदा हालात का बातचीत से हल निकालने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’ सेना ने बयान में कहा कि जनरल नरवणे ने दुर्गम ऊंचे इलाकों में तैनात जवानों तथा स्थानीय कमांडरों से बातचीत की। बयान के अनुसार उन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा में सैन्य इकाइयों द्वारा दिखाये गये उच्च मनोबल तथा पेशेवर मानकों की सराहना की। सेना प्रमुख को उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और लेह स्थित 14 कोर के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने संपूर्ण सुरक्षा परिदृश्य से अवगत कराया। सेना ने बताया कि जनरल नरवणे को सर्दियों में सेना के लिए साजो-सामान संबंधी व्यवस्थाओं तथा अभियान संबंधी तैयारियों की स्थिति पर भी जानकारी दी गयी। बयान के अनुसार उन्होंने बलों की अभियान संबंधी क्षमताओं के लिए किये जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया।

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