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अर्नब की व्हाट्सएप बातचीत मामले की जांच हो, संसद में उठाएंगे मुद्दा: कांग्रेस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 20, 2021 15:17
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पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे, गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद ने इस विषय को लेकर सरकार पर निशाना साधा और यह भी कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे अभियान की जानकारी सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ लोगों को होती है और ऐसे में इसका पता लगना चाहिए कि यह संवेदनशील जानकारी कैसे लीक हुई।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत के मामले की जांच की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि देश की सेना एवं सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करना ‘राष्ट्र विरोधी कृत्य’ एवं ‘राष्ट्रद्रोह’ है और वह इस मुद्दे को संसद के आगामी सत्र में उठाएगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे, गुलाम नबी आजाद और सलमान खुर्शीद ने इस विषय को लेकर सरकार पर निशाना साधा और यह भी कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे अभियान की जानकारी सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ लोगों को होती है और ऐसे में इसका पता लगना चाहिए कि यह संवेदनशील जानकारी कैसे लीक हुई। पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये व्हाट्सएप बातचीत पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। हर देशभक्त भारतीय स्तब्ध है क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय है। यह हमारे सशस्त्र बलों खासकर वायु सेना के जवानों की सुरक्षा से जुड़ा है।’’
उनके मुताबिक, देश के आम लोगों और राजनीतिक दलों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय आता है तो फिर पूरा देश एक होता है। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी और बहुत संवेदनशील जानकारी कुछ ऐसे लोगों के पास थी जिनके पास नहीं होनी चाहिए। शहीद जवानों के बारे में जिस का इस्तेमाल किया गया उससे मैं बहुत दुखी हूं।’’ पूर्व रक्षा मंत्री ने सवाल किया, ‘‘सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे सिर्फ चार-पांच लोगों को इस तरह के अभियान के बारे में पता होता है, ऐसे में बालाकोट एयर स्ट्राइक से कुछ दिनों पहले एक पत्रकार को इस बारे में कैसे पता चला?’’ उन्होंने कहा, ‘‘गोपनीय जानकारी लीक करना एक आपराधिक कृत्य है। सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करना राष्ट्र विरोधी कृत्य और राष्ट्रद्रोह है।इस तरह की राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की जांच जरूरी है।’’So these documents were released to this journalist by one of those 4-5 civilian people who are in the top position of the govt, either Minister or senior official who are concerned with National Security. Only they can leak these documents: Shri AK Antony #GaddarBJPArnab
— Congress (@INCIndia) January 20, 2021
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पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘‘संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे। सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत जो करना चाहिए था वो नहीं किया। मुझे उम्मीद है कि जांच होगी और जो गुनाह हुआ है उसकी सजा मिलेगी।’’ पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने व्हाट्सएप बातचीत में न्यायपालिका के संदर्भ में कथित तौर पर उल्लेख होने का हवाला देते हुए कहा, ‘‘न्यायपालिका न्याय का मंदिर है। इस व्हाट्सएप बातचीत में जो बातें सामने आई है, वो बहुत दुखद है। गंदी राजनीति से न्यायपालिका को दूर रखा जाना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बारे में जो बातें की गई हैं वो बहुत दुखद हैं। ये बातें बहुत विचिलित करती हैं।’’ कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘इसकी जांच होनी चाहिए कि अर्नब गोस्वामी को सूचनाएं किसने दीं और अर्नब ने कहां-कहां ये सूचनाएं दीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।
डर गईं हैं ममता बनर्जी, इस बार अल्पसंख्यकों को दिए 42 टिकट: कैलाश विजयवर्गीय
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 6, 2021 15:17
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अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि रैली में सिर्फ दो ही लोग रहेंगे प्रधानमंत्री मोदी और जनता। जो भी आएंगे हम उनका जनता में स्वागत करेंगे, चाहे मिथुन चक्रवर्ती भी हों।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात मार्च को कोलकाता के बिग्रेड मैदान पर एक रैली को संबोधित करने वाले हैं। इस रैली को लेकर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हमें लगता है कि सात मार्च को होने वाली रैली पश्चिम बंगाल के इतिहास की सबसे बड़ी रैली होगी और बिग्रेड मैदान छोटा पड़ सकता है।
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क्या मिथुन चक्रवर्ती होंगे शामिल ?
अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि रैली में सिर्फ दो ही लोग रहेंगे प्रधानमंत्री मोदी और जनता। जो भी आएंगे हम उनका जनता में स्वागत करेंगे, चाहे मिथुन चक्रवर्ती भी हों। दरअसल, बीते दिन खबर सामने आई कि अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती भाजपा में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री मोदी की रैली में मौजूद रहेंगे।
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डर गईं ममता बनर्जी
कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह डर गईं हैं। पिछली बार अल्पसंख्यकों को 57 टिकट दिए थे। इस बार उन्होंने 42 टिकट दिए हैं। वहीं ममता बनर्जी के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने के सवाल पर विजयवर्गीय ने कहा कि वहां से भी वो (ममता) जाएंगी। जनता उन्हें विदा कर रही है। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में सात चरणों में मतदान होंगे। 27 मार्च को पहले चरण के लिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। जबकि 2 मई को उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा।
भाई के VIP ट्रीटमेंट पर नीतीश हैरान, मुकेश सहनी ने दी सफाई
- अभिनय आकाश
- मार्च 6, 2021 14:15
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नीतीश ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं लेकिन ये आश्यर्यजनक है और अगर मामला सही है तो मैं बात करूंगा। जिसके बाद मामले पर मंत्री मुकेश सहनी को सफाई देने सामने आना पड़ा।
बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी के भाई का एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने का मुद्दा दिन इन दिनों खूब सुर्खियों में है। बिहार विधानसभा में मुकेश सहनी का मामला उठाया गया। कार्यक्रम में खुद न जाकर भाई को भेजने के मामले को राजद के विधायक भाई विरेंद्र ने विधानसभा में उठाया। जिसके बाद मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बयान दिया। नीतीश ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं लेकिन ये आश्यर्यजनक है और अगर मामला सही है तो मैं बात करूंगा। जिसके बाद मामले पर मंत्री मुकेश सहनी को सफाई देने सामने आना पड़ा।
क्या है पूरा मामला
वैसे तो किसी भी सरकारी योजना के उद्घाटन का अमूमन स्वागत किया जाता है। लेकिन इस बार सरकारी योजना का उद्घाटन विवाद का कारण बन गया। बिहार के हाजीपुर में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की योजना का उद्घाटन विभागीय मंत्री मुकेश सहनी के बदले उनके भाई संतोष सहनी ने कर दिया। इस दौरान उन्हें सरकारी प्रोटोकॉल भी मिला। उन्होंने कहा कि मंत्री जी व्यस्त हैं इसलिए मंत्री जी की भूमिका मैं निभाने आया हूं। हालांकि बाद में उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने अपना बयान बदल दिया और कहा कि ये मंत्री का कार्यक्रम है और मैं इसमें शिरकत करने आया हूं। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और पूरे मामले को लेकर बिहार विधानसभा से लेकर विधानमंडल में उसकी दूंज दिखाई दी। राजद विधायकों ने मामले पर सवाल उठाया और मुकेश सहनी के बर्खास्तगी की मांग तक कर डाली।
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नीतीश ने दिया ये बयान
पूरे मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जवाब दिया और कहा कि मेरे पास अभी अखबार की प्रति आयी है और इसे मैं देख रहा हूं। मुझे मालूम नहीं था लेकिन ये आश्चचर्यजनक है। नीतीश ने कहा कि मैं पूरा बात करूंगा क्या मामला है। नीतीश ने कहा कि ऐसी बात होनी नहीं चाहिए।
मुकेश सहनी ने दी सफाई
मामले को बढ़ता देख मुकेश सहनी ने पूरे प्रकरण पर मीडिया के सामने आकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि ये मामला जो विपक्ष के द्वारा उठाया जा रहा है वो बिल्कुल असत्य है, इस तरह का कुछ भी नहीं हुआ। सहनी ने कहा कि मुझे उस कार्यक्रम में जाना था लेकिन विधानसभा की वजह से मैं वहां नहीं पहुंच पाया। मेरे कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष के नेता, मंत्री ने तौर पर पदाधिकारी मेरे स्वागत के लिए आते हैं। मेरे भाई दौरे जनता के बीच में घूम रहे हैं और पार्टी का विस्तार कर रहे हैं और उस दौरान वो पहले ही कार्यक्रम में पहुंच गए। बाद में पता चला कि मैं वहां नहीं पहुंच रहा हूं। मैंने आदेश किया पदाधिकारी को कि गाड़ी जो वितरण करना था वो पदाधिकारी के द्वारा वितरण किया गया। मुकेश सहनी ने कहा कि मेरे भाई होने के नाते मीडिया के द्वारा उन्हें प्रमोट कर दिया गया। मैं आने वाले समय में इस पर ध्यान रखूंगा। इस तरीके से नहीं हो और लोगों को तकलीफ हो तो मैं खेद प्रकट करता हूं।
अमित शाह और राजनाथ सिंह हैं किसान लेकिन कृषि मंत्री तोमर नहीं ! 538 में 216 सांसदों का दस्तावेजों में जिक्र
- अनुराग गुप्ता
- मार्च 6, 2021 14:15
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के पास 302 सांसदों में से 139 किसान सांसद हैं। जबकि कांग्रेस के पास 51 में से 13, द्रमुक के पास 24 में से 10, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से 1, वाईएसआर कांग्रेस के 21 में से 6 किसान सांसद हैं।
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो चुके हैं और किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने संसद के करीब पार्क में खेती करने की बात कही है। जबकि सरकार का कहना है कि नए कानून कृषि सुधारों की दिशा में अभूतपूर्व कदम है। इससे किसानों को लाभ होगा। इसी बीच एक रिपोर्ट सामने आई है। जो यह दर्शाती है कि देशवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले कितने सांसद किसान है।
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हिन्दी न्यूज वेबसाइट 'दैनिक भास्कर' की एक रिपोर्ट के मुताबिक 538 सांसदों में से 216 सांसद किसान हैं। दरअसल, बजट सत्र 2021-22 के दौरान संसद में कृषि कानूनों के विषय पर जमकर हो-हल्ला हुआ। अधिकतर विपक्षी सांसद इसके विरोध में तो कुछ ही इसके समर्थन में दिखाई दिए। यहां तक की पहले कृषि कानूनों को समर्थन करने वाले कुछ सांसदों ने विरोध प्रदर्शन को बड़ा होता देख, अपना नजरिया बदला और इसका विरोध करने लगे। इस बार के सत्र में तो कई नेताओं ने यहां तक कहा कि वह भी किसान हैं और वह इनका दर्द जानते हैं। इसी आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की गई। जिसमें दावा किया गया कि संसद की 5 खाली सीटों को छोड़ दिया जाए तो 538 में से 216 सांसदों ने सरकारी दस्तावेजों में खुद को किसान बताया है।
किस पार्टी के पास कितने किसान ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी के पास 302 सांसदों में से 139 किसान सांसद हैं। जबकि कांग्रेस के पास 51 में से 13, द्रमुक के पास 24 में से 10, तृणमूल कांग्रेस के 22 में से 1, वाईएसआर कांग्रेस के 21 में से 6, शिवसेना के पास 18 में से 11, जदयू के 16 में से 7, बीजद के 12 में से 2, बसपा के 10 में से 5, टीआरएस के 9 में से 5, लोजपा के 6 में से 4 इत्यादि किसान सांसद हैं।
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रिपोर्ट्स में किसानों और किसान सांसदों के महीनेभर की आय का भी उल्लेख किया गया है। फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट नाबार्ड (NABARD) के आंकड़ों के मुताबिक हिन्दुस्तान का किसान महीने में औसतन 8,931 रुपए कमाता है। जबकि सांसदों को सभी सुविधाओं के बावजूद हर माह 2 लाख 30 हजार रुपए तनख्वाह मिलती है। अगर हम कोरोना महामारी की वजह से सांसदों की घटी तनख्वाह की बात करें तो अभी उन्हें 1 लाख 73 हजार रुपए मिलता है। हालांकि, सबकुछ सही रहा तो कुछ वक्त बाद सांसदों को वापस से पुरानी तनख्वाह मिलने लगेगी।
मोदी कैबिनेट में कितने किसान सांसद ?
इस रिपोर्ट की सबसे चौंका देने वाली बात तो यह रही कि मोदी सरकार में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान सांसद नहीं हैं। जबकि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत कई किसान सांसद हैं। मोदी सरकार में कुल 21 केंद्रीय मंत्री और 32 राज्यमंत्री हैं। ऐसे में 21 केंद्रीय मंत्रियों में 7 और 32 राज्यमंत्रियों में 13 किसान हैं।

