अनुच्छेद 370, नागरिकता विधेयक पर विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया गया : गहलोत

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[email protected] । Dec 11 2019 11:42AM

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता संशोधन विधेयक जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया गया। गहलोत ने देश में आर्थिक मंदी पर भी चिंता जताई।

मुंबई। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता (संशोधन) विधेयक जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष को भरोसे में न लेने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की। एक साक्षात्कार में कांग्रेस नेता ने देश में आर्थिक ‘‘मंदी’’ पर भी चिंता जताई और कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार का देश को चलाने के प्रति रवैया ‘‘अच्छा नहीं’’ है। गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में लोगों की राय और विपक्ष मायने रखता है और सरकार के खिलाफ असंतोष को राजद्रोह के मुकदमे दायर कर या लोगों को राष्ट्र-विरोधी बताकर दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने मोदी सरकार पर सुशासन पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ‘‘ध्रुवीकरण की राजनीति’’ करने और आयकर के छापों की धमकी देकर विपक्षी दलों को दिया जाने वाला चंदा रोकने का आरोप लगाया।

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गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड राजग सरकार का ‘‘सबसे बड़ा घोटाला’’ है। एक साल पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले गहलोत ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 हटाने या नागरिकता (संशोधन) विधेयक के लिए विपक्ष को भरोसे में नहीं लिया गया। विपक्ष को इसमें शामिल किया जाना था। कम से कम विपक्ष अपने विचार को रख सकता था।’’ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मुहैया कराने वाले विवादित नागरिकता (संशोधन) विधेयक को सोमवार आधी रात को लोकसभा में पारित कर दिया गया। वहीं, केंद्र सरकार ने अगस्त में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था।

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गहलोत ने कहा कि भाजपा की पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गठबंधन सरकार थी लेकिन (अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद) जम्मू कश्मीर में पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं को ‘‘हिरासत’’ में ले लिया गया। कांग्रेस के 68 वर्षीय नेता ने कहा, ‘‘केंद्र को उनसे बात करनी चाहिए थी लेकिन सरकार को इसकी परवाह नहीं है। अगर आपके पास अच्छा-खासा बहुमत है तो इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपनी मर्जी चला सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के खिलाफ असंतोष को लोगों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दायर कर तथा उन्हें राष्ट्र विरोधी बताकर दबाया नहीं जा सकता। इस तरह का रुख देश के हित के लिए सही नहीं है।’’  उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड राजग सरकार का ‘‘सबसे बड़ा’’ घोटाला है। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजनीतिक फंडिंग चाहे वह नकद, चेक या बॉन्ड के रूप में हो, अच्छी नहीं है। भ्रष्टाचार तभी खत्म होगा जब चुनावों की सरकारी फंडिंग हो। तभी पारदर्शिता आएगी।’’

उन्होंने मोदी सरकार पर विपक्षी दलों को दिए जाने वाले चंदे को रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जो लोग कांग्रेस तथा अन्य दलों को चंदा देते हैं उन्हें आयकर के छापों, सीबीआई और ईडी जांच की धमकियों से डराया गया।’’ गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्व में गिरावट के कारण राज्यों को दी जाने वाली केंद्रीय निधि घटा दी। उन्होंने दावा किया, ‘‘राजस्थान को करीब 11,000 करोड़ रुपये कम मिलेंगे।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उद्योगपति राहुल बजाज और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की हालिया टिप्पणियां दिखाती हैं कि लोग सरकार के बारे में क्या महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को संकट में डाल रहे विभिन्न मुद्दों को उजागर करने के लिए 14 दिसंबर को नयी दिल्ली में एक रैली आयोजित करेगी।

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