शनिवार से होगी RSS की महत्वपूर्ण बैठक, बनेगी आगे की रणनीति
आरएसएस के प्रचार प्रभारी अरुण कुमार ने राजस्थान के शहर में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति और पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
पुष्कर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भाजपा सहित अपने विभिन्न सहयोगी और संबद्ध संगठनों के साथ समन्वय बैठक शनिवार से शुरू हो रही है और सूत्रों के अनुसार अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाया जाना, घाटी की मौजूदा स्थिति और राम मंदिर मुद्दा एजेंडा में अहम है। तीन दिवसीय समन्वय बैठक शनिवार को शुरू होगी और इसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, इसके शीर्ष पदाधिकारी और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा शामिल होंगे। आरएसएस के प्रचार प्रभारी अरुण कुमार ने शुक्रवार को राजस्थान के शहर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति और पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
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सूत्रों के अनुसार, आरएसएस का सहयोगी संगठन सीमा जागरण अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को हटाए जाने और कश्मीर की स्थिति पर एक प्रस्तुति दे सकता है। यह संगठन सीमावर्ती क्षेत्रों में काम करता है। इसी प्रकार स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ देश में समग्र आर्थिक मंदी के बारे में प्रतिनिधियों को जानकारी देंगे। सूत्रों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई दैनिक आधार पर कर रहा है और विश्व हिंदू परिषद मामले में चल रही न्यायिक कार्यवाही का विवरण साझा करेगी। कुमार ने कहा कि संघ के 35 सहयोगी और संबद्ध संगठनों के 200 से अधिक प्रतिनिधि समन्वय बैठक में भाग लेंगे। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा, देश के सीमावर्ती क्षेत्रों की स्थिति और पर्यावरण संरक्षण पर प्रमुखता से चर्चा होगी।
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उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण और समाज में उनकी भूमिका और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं और युवाओं के बीच सर्वेक्षण करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गयी है और उस पर भी चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट देश में मौजूदा सामाजिक मुद्दों पर तैयार की गयी है। कुमार ने कहा कि जल संरक्षण, विकास, रोजगार के अवसर और सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन पर भी चर्चा होगी। 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद आरएसएस की यह पहली समन्वय बैठक है। लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन और हाल ही में संपन्न सदस्यता अभियान का विस्तृत विश्लेषण भी किया जाएगा। नड्डा के अलावा भाजपा महासचिव (संगठन) बी एल संतोष और महासचिव राम माधव भी बैठक में शामिल होंगे। कुमार ने कहा कि कोई भी केंद्रीय मंत्री तीन दिवसीय बैठक में भाग नहीं लेंगे क्योंकि यह आरएसएस और उसके सहयोगियों और संबद्ध संगठनों की समन्वय बैठक है।
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