विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश भारत की बड़ी उपब्धि: अरुण जेटली
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की प्रमुख मजिस्ट्रेट एम्मा अरबुथनोट ने कहा, ‘‘कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि उनके खिलाफ झूठे मामले लाये जा रहे हैं।’’
नयी दिल्ली। भारत से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अनुमति देने के ब्रिटेन की अदालत के सोमवार के आदेश को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कि कानून तोड़ने वाला यह व्यक्ति संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में फायदा कमाया और अब उसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक सरकार (राजग) कटघरे खड़ा करा रही है। ब्रिटेन की एक अदालत ने विजय माल्या का भारत को प्रत्यर्पण करने का आदेश दिया है। बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में भारत को माल्या की जरूरत है।
Arun Jaitley:The campaign was why are you (BJP) not being able to get him back. You're (Congress) culprits in giving the loans (to #VijayMallya). You created a situation in which ppl like these could prosper,& we've succeeded now in getting him back. It's a proud moment for India pic.twitter.com/mU93EkYx6Y
— ANI (@ANI) December 10, 2018
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की प्रमुख मजिस्ट्रेट एम्मा अरबुथनोट ने कहा, ‘‘कि इस बात के कोई संकेत नहीं है कि उनके खिलाफ झूठे मामले लाये जा रहे हैं।’’ जेटली ने यहां जारी ट्वीट में कहा, ‘‘भारत के लिये बड़ी सफलता का दिन। भारत के साथ धोखाधड़ी करने वाला कोई भी खुला नहीं घूम सकता। ब्रिटेन की अदालत का फैसला स्वागतयोग्य है। एक दोषी जिसे संप्रग सरकार के दौरान फायदा हुआ, उसे राजग सरकार ने कटघरे में पहुंचाया है।’’
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माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गये थे। भारत में बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में उनकी जरूरत है। माल्या ने यह कर्ज अपनी किंगफिशन एयरलाइंस के लिये कई बैंकों से लिया था।
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