अरुणाचल और अक्साई चिन भारत के अभिन्न अंग : कांग्रेस
चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
कांग्रेस ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन के मानचित्र में दिखाये जाने पर मंगलवार को कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ये भारत के अभिन्न अंग हैं जिसे किसी ‘आदतन अपराधी’ द्वारा ऐसे अवैध सीमांकन या मनमाने तरीके से बनाये नक्शे से नहीं बदला जा सकता। कांग्रेस ने सरकार से कहा कि आगामी जी20 सम्मेलन के दौरान भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसपैठ का वैश्विक स्तर पर खुलासा किया जाए। चीन ने एक दिन पहले ही अपने ‘मानक मानचित्र’ का 2023 का संस्करण आधिकारिक रूप से जारी किया था जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताईवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को भी दर्शाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन समेत भारतीय क्षेत्र भारत के अभेद्य और अभिन्न हिस्से हैं और मनमाने तरीके से तैयार किया गया कोई चीनी नक्शा इसे नहीं बदल सकता।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘अन्य देशों से जुड़े क्षेत्रों का नाम बदलने और उन्हें नक्शों पर दर्शाने के मामले में चीन आदतन अपराधी रहा है। कांग्रेस इस तरह के अवैध सीमांकन या भारतीय क्षेत्रों का नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जताती है।’’ कांग्रेस नेता और लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी ने भी अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों को ‘बेतुका, अतार्किक और ऐतिहासिक रूप से गलत’ करार दिया और सरकार से आग्रह किया कि हाल के दिनों में चीन द्वारा अतिक्रमण में कब्जाये गये भारतीय क्षेत्रों पर पुन: नियंत्रण पाया जाए। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत और चीन के बीच लंबित मुद्दा अप्रैल 2020 से अवैध तरीके से कब्जाये क्षेत्र को छोड़ना है।’’ तिवारी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को आत्मावलोकन करना चाहिए कि 1.4 अरब लोगों पर इस बात का क्या असर पड़ेगा कि भारतीय क्षेत्र के सैकड़ों वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाला व्यक्ति, जिसने अपनी अवैध घुसपैठ को अभी तक नहीं छोड़ा है, उसका जी20 सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में स्वागत किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि चीन का अक्साई चिन या अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है और भारत को चीन की सचाई सामने लाने के लिए जी20 के मंच का इस्तेमाल करना चाहिए और उस पर जबरन कब्जाये गये भारतीय क्षेत्र को लौटाने का दबाव बनाना चाहिए। खरगे ने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व चाहते हैं जिसमें चीन शामिल है। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अमन चैन चाहते हैं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हालांकि यह दुखदायी है कि गलवान की घटना के बाद चीन की ओर से धोखेबाजी और आक्रामकता जारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दी गयी छूट के कारण ऐसा हुआ जिन्होंने हमारे 20 बहादुर जवानों की शहादत के बाद कहा था कि ‘हमारे क्षेत्र में कोई नहीं घुसा’।’’ खरगे ने कहा कि मई 2020 से पहले रही यथास्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है और सरकार को इस स्थिति की बहाली से कम किसी चीज में नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत में जी20 सम्मेलन हमारे लिए भारतीय क्षेत्र में चीन की घुसपैठ को वैश्विक स्तर पर सामने लाने का एक और अवसर होगा।’’
खरगे ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि एलएएसी पर भारतीय क्षेत्र में 2000 वर्ग किलोमीटर हिस्से पर चीन का अवैध कब्जा समाप्त होना चाहिए।’’ भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा देश का अभिन्न हिस्सा रहा है और हमेशा रहेगा। चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है।
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