असम विधानसभा ने जीएसटी विधेयक का अनुमोदन किया
असम विधानसभा ने आज जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया। जीएसटी विधेयक को अनुमोदित करने वाला असम पहला राज्य बन गया है।
गुवाहाटी। असम विधानसभा ने आज वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया। इसके साथ ही असम पूरे देश में एक समान अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के प्रावधान वाले जीएसटी विधेयक को अनुमोदित करने वाला पहला राज्य बन गया है। असम विधानसभा के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने सदन में घोषणा की, ‘‘मैं, संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित जीएसटी विधेयक को असम विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अनुमोदित किए जाने की घोषणा करता हूं।’’
हालांकि विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ के सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया लेकिन इससे पहले उनकी ओर से असम पर जीएसटी के प्रभाव के बारे में विधानसभा में चर्चा कराये जाने की मांग कि गयी। अध्यक्ष ने इस विषय पर चर्चा कराने की उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया। जीएसटी के लिये संविधान के 122वें संशोधन विधेयक 2014 को असम विधानसभा द्वारा अनुमोदन किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष दास और राज्य के वित्त मंत्री हिमंत विश्वा शर्मा ने एक दूसरे का मुंह मीठा किया। वित्त मंत्री शर्मा ने ही विधानसभा में जीएसटी विधेयक के अनुमोदन का प्रस्ताव रखा था।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल चाहते थे कि जीएसटी की पुष्टि करने वाला असम पहला राज्य बने ताकि इससे राज्य के उद्योगों में सकारात्मक संकेत जाये। मुख्यमंत्री की ओर से शर्मा ने विधेयक को पेश किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमेशा ही पीछे रहे हैं, लेकिन इस विधेयक को हम पहले मंजूरी देना चाहते थे। यह एतिहासिक विधेयक है। मैं अध्यक्ष का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने हमें आज ही इसे पेश करने की अनुमति दे दी जबकि उन्हें हमने गुरुवार रात ही इसकी जानकारी दी थी।’’
शर्मा ने कहा कि ब्राजील और कनाडा के बाद भारत तीसरा देश होगा जहां केन्द्र और राज्यों में जीएसटी संग्रह एक नई संस्था जीएसटी परिषद के जरिये किया जायेगा। जीएसटी विधेयक को पिछले लंबे समय में एकमात्र सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने से पहले कम से कम 15 राज्यों द्वारा इस पर अपनी सहमति जतानी होगी। उसके बाद जीएसटी परिषद को अधिसूचित किया जायेगा जो कि जीएसटी की दर और अन्य मुद्दों को तय करेगी। केन्द्र सरकार ने जीएसटी लागू करने के लिये एक अप्रैल 2017 की समयसीमा तय की है। शर्मा ने विधानसभा में कहा, ‘‘जीएसटी के तहत केन्द्रीय जीएसटी वाले हिस्से में से 42 प्रतिशत कर राजस्व को वापस राज्यों को दिया जायेगा।’’
उन्होंने कहा कि जीएसटी में पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिये विशेष रियायत का विकल्प होगा। ये राज्य यदि किसी वजह से करों में कमी का कोई आग्रह करते हैं तो उसके लिये विशेष रियायत का विकल्प रखा जाएगा। शर्मा ने कहा, ‘‘इसके अलावा हमें प्राकृतिक आपदा के समय यदि अधिक राजस्व जुटाने की जरूरत पड़ती है तो इसके लिये विशेष कर संग्रह का भी अधिकार होगा। हालांकि, इसके लिये जीएसटीसी से मंजूरी लेनी होगी।’'
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