मोदी ने बताया कैसे अटलजी ने उन्हें गुजरात का CM बनाया था

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[email protected] । Aug 18 2018 11:32AM

भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह एक ऐसी असाधारण हस्ती थे जो हर भारतीय के दिलोदिमाग में रहेंगे।

नयी दिल्ली। भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह एक ऐसी असाधारण हस्ती थे जो हर भारतीय के दिलोदिमाग में रहेंगे। मोदी ने कहा कि हमारे देश के निर्माण में वाजपेयी के समृद्ध योगदान के लिए कोई भी शब्द कभी भी न्याय नहीं कर सकता। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया।

उन्होंने ट्वीट किया कि भारत के सभी हिस्सों से लोग आए, समाज के सभी वर्गों के लोगों ने एक ऐसे असाधारण व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश में असाधारण योगदान दिया। अटल जी, भारत आपको नमन करता है! इससे पहले मोदी ने एक ब्लॉग में लिखा कि भारत को वाजपेयी के रूप में भाव, दिल और दिमाग से परिपूर्ण एक नेता मिला।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी ने 1990 के दशक के मध्य में अर्थव्यवस्था को परेशानी से बचाया, जब देश में राजनीतिक अस्थिरता और अनिश्चित वैश्विक माहौल से प्रारंभिक आर्थिक सुधार प्रक्रिया के लिए खतरा पैदा हो गया था। मोदी ने कहा कि उन्होंने पिछले दो दशकों में अनुभव की गई अधिकतर आर्थिक सफलता के बीज बोए। उनके लिए, विकास कमजोरों को अधिकारसंपन्न बनाने तथा वंचितों को मुख्यधारा में लाने का साधन था। यही वह दृष्टिकोण है जो हमारी सरकार की नीति को दिशा देता रहेगा।

उन्होंने कहा कि यह अटलजी थे जिन्होंने ऐसे भारत की नींव तैयार की जो 21वीं सदी में वैश्विक नेतृत्व का जिम्मा संभालने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर, वाजपेयी एक आदर्श, एक गुरु और रोल मॉडल थे जिन्होंने उन्हें काफी प्रेरित किया। मोदी ने कहा कि यह वाजपेयी ही थे जिन्होंने उन्हें गुजरात (मुख्यमंत्री के रूप में) के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारियां सौंपी।

उन्होंने कहा, ‘यह वही थे जिन्होंने मुझे अक्टूबर 2001 में एक शाम बुलाया और मुझे मुख्यमंत्री के रूप में गुजरात जाने को कहा। जब मैंने उनसे कहा कि मैंने हमेशा संगठन में ही काम किया है तो उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मैं लोगों की उम्मीदों को पूरा करूंगा।’ प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी के कार्यकाल की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि अपने युवाओं की ऊर्जा और अपने लोगों के संकल्प के साथ उत्साहित भारत आज एक आत्मनिर्भर राष्ट्र है जो परिवर्तन के लिए उत्सुक है। इसके अलावा देश स्वच्छ और उत्तरदायी शासन के लिए प्रयास कर रहा है तथा सभी भारतीयों के लिए अवसर पैदा कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने अमेरिका के साथ पांच दशकों के संबंधों को पांच साल में स्थायी रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सोवियत संघ के बाद के दौर में 2000 में रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से रूस के साथ भारत की गहरी दोस्ती को भी आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि उन्हें नवंबर 2001 में रूस की यात्रा पर उनके साथ जाने का मौका मिला था जब हमने गुजरात और आस्ट्रखन के बीच समझौता किया था।

मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधियों के तंत्र की स्थापना करके अतीत के बोझ को दूर करने के प्रयास में चीन के साथ शांति के लिए साहसी कदम उठाया। मोदी ने कहा कि कई मायनों में, वाजपेयी उनकी सरकार की ‘पहले पड़ोस नीति’ के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता के रूप में वाजपेयी ने बांग्लादेश की मुक्ति के प्रति समर्थन किया। वह शांति की तलाश में लाहौर गए। दृढ़ता और आशावाद के साथ उन्होंने शांति की तलाश जारी रखी और जम्मू-कश्मीर में जख्मों को भरने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि लेकिन वाजपेयी कारगिल युद्ध जीतने को लेकर दृढ़ थे और जब संसद पर आतंकवादी हमला हुआ, उन्होंने भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद की वास्तविक प्रकृति और स्रोत के बारे में दुनिया को बताया। मोदी ने वाजपेयी को एक बेहतरीन वक्ता बताया जो एक ही वाक्य या प्रश्न में जटिल से जटिल मुद्दों और चर्चाओं को व्यक्त कर सकते थे।

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