दिल्ली में अस्पतालों के साथ अटैच होटल हुए अलग, केजरीवाल ने की घोषणा
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 29 2020 3:06PM
केजरीवाल ने कहा कि हाल ही में जिन होटलों को अस्पतालों से जोड़ा गया था उनमें सभी बिस्तर कई दिनों से खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री के शहर में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया गया।
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 की स्थिति को बेहतर होता देख होटलों को अस्पतालों से अलग करने की बुधवार को घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि हाल ही में जिन होटलों को अस्पतालों से जोड़ा गया था उनमें सभी बिस्तर कई दिनों से खाली पड़े हैं। मुख्यमंत्री के शहर में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के बाद यह फैसला किया गया।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड के मरीजों लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ होटलों को अस्पतालों से जोड़ा गया था। स्थिति के बेहतर होने और होटलों के बिस्तरों के पिछले कई दिनों से खाली होने की वजह से, इन होटलों को अब इस अभियान से अलग किया जा रहा है।’’ दिल्ली में पिछले महीने कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शहर में बिस्तरों (बेड) की संख्या बढ़ाने के लिए करीब 40 होटलों को अस्पतालों के साथ जोड़ा था। दिल्ली के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार कोरोना वायरस के मामले कम होने के बाद से कोविड-19 के लिए अस्पतालों में आरक्षित कुल 12,633 बिस्तर और कोविड देखभाल केन्द्र में 47,00 से अधिक बिस्तर खाली पड़े हैं।Some hotels were attached to hospitals to increase the number of COVID beds. In view of the improving situation and all hotel beds lying vacant for the last many days, these hotels are now being released.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) July 29, 2020
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मंगलवार तक शहर में कोविड-19 के 10,887 मरीजों का इलाज जारी था, जिनमें से 6,219 मरीज अपने घरों में ही हैं। मध्यम लक्षण वाले मरीजों को इन होटलों में रखा जाता है और बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराईं जाती हैं। हालत बिगड़ने पर उन्हें उनसे जुड़े अस्पतालों में भर्ती कराया जाता है। इसे महीने की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के तीन होटलों को अस्पतालों से अलग किया गया था। लेकिन एक दिन बाद ही यह फैसला वापस ले लिया गया था।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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