अरुण जेटली का महागठबंधन पर हमला, बताया ‘राजनीतिक सर्कस’
जेटली ने कहा कि विपक्षी खेमे में, नेतृत्व को लेकर गतिरोध है क्योंकि पहले से ही कई उम्मीदवारों ने नेतृत्व अपने हाथ में लेने की इच्छा जाहिर कर दी है।
नयी दिल्ली। विपक्षी दलों के महागठबंधन पर कटाक्ष करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि ‘महागठबंधन’ में ‘कोई बंधन नहीं’ है और यह राजनीतिक सर्कस है।दरअसल, भाजपा का पारंपरिक रूप से विरोध करने वाले दलों सहित कई राजनीतिक पार्टियां 11 अप्रैल से शुरू हो रहे आम चुनावों में राजग के खिलाफ एकसाथ आ गई हैं। जेटली ने ब्लॉग पर लिखा कि बीते कई महीनों से भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘‘ऊब’’ चुका है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे का तर्क यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा बहुत मजबूत हैं और उन्हें कोई एक पार्टी चुनौती नहीं दे सकती।
A Political Circus Called ‘Mahagathbandhan’ https://t.co/zVDPS6dvuF
— Chowkidar Arun Jaitley (@arunjaitley) March 29, 2019
जेटली ने जोर दिया कि भारतीय लोग नेताओं का मूल्यांकन उनकी गुणवत्ता तथा क्षमता से करते हैं, किसी पारंपारिक जुड़ाव से नहीं। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हमें ‘विरोधियों के गठबंधन’ का वादा किया गया था क्योंकि भारत को बचाना था। हमें समान न्यूनतम एजेंडे का वादा किया गया। प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाला हर नेता गठबंधन का सूत्रधार बनना चाहता था। वे अपने राज्य में ‘शो’ का आयोजन करेंगे और पूरे समूह को आमंत्रित करेंगे।’’
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जेटली ने कहा कि विपक्षी खेमे में, नेतृत्व को लेकर गतिरोध है क्योंकि पहले से ही कई उम्मीदवारों ने नेतृत्व अपने हाथ में लेने की इच्छा जाहिर कर दी है। उन्होंने ‘महागठबंधन नाम का राजनीतिक सर्कस’ नाम के ब्लॉग में कहा, ‘‘स्थिरता सर्वोपरि है जो बड़ी परेशानी है। साझा बात ‘एक व्यक्ति को हटाने’ का नकारात्मक एजेंडा है। यह अव्यवस्था का फार्मूला है।’’
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