कोयला घोटाले की जांच प्रभावित करने की कोशिश हुईः समिति

[email protected] । Jul 12 2016 5:45PM

रंजीत सिन्हा की ओर से कोयला ब्लॉक घोटाले की जांच में अड़ंगे लगाने के आरोपों की छानबीन के लिए गठित समिति ने संकेत किए हैं कि प्रथम दृष्टया जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई।

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि तत्कालीन सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा की ओर से कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच में अड़ंगे लगाने के आरोपों की छानबीन के लिए शीर्ष न्यायालय की ओर से गठित समिति ने संकेत किए हैं कि प्रथम दृष्टया जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गई। रोहतगी ने कहा कि उन्होंने सीबीआई के पूर्व विशेष निदेशक एमएल शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट का अध्ययन किया था जिसने पाया है कि सिन्हा के आवास की विजिटर डायरी सही थी। रोहतगी को अंतरिम रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराई गई थी।

बहरहाल, रोहतगी ने कहा कि विजिटर डायरी की प्रविष्टियों की प्रामाणिकता सबूतों के जरिए अदालत में ही पता लगाई जा सकती है। सिन्हा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रजिस्टर या डायरी की प्रविष्टियां संदेहास्पद या काल्पनिक थीं, क्योंकि सीबीआई के पूर्व निदेशक उन दिनों कई दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में नहीं थे। उच्चतम न्यायालय की ओर से नियुक्त समिति सिन्हा द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच में कथित तौर पर अड़ंगा लगाने के आरोपों की जांच कर रही है। आरोपियों से सिन्हा की मुलाकातों को ‘‘पूरी तरह अनुचित’’ करार दिया जा चुका है।

इससे पहले, न्यायालय को शर्मा समिति की एक अंतरिम रिपोर्ट हासिल हुई थी और इसकी गोपनीयता बरकरार रखते हुए अटॉर्नी जनरल को अध्ययन करने के लिए सौंपी गई थी। रिपोर्ट की प्रति अटॉर्नी जनरल को दी गई थी क्योंकि पीठ उस वक्त उनकी सहायता चाह रही थी जब शर्मा समिति ने कुछ मामलों की शुरूआती जांच से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश मांगे थे।

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