मुख्य सचिव विवाद: दिल्ली सरकार ने कहा- अधिकारियों का रवैया सही नहीं

Attitude Of Delhi Officials Not Correct, Says AAP Government
[email protected] । Feb 27 2018 12:33PM

दिल्ली सरकार ने आज कहा कि उसके अधिकारियों का रवैया सही नहीं है और आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायकों की ओर से मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर किए गए

नयी दिल्ली। दिल्ली सरकार ने आज कहा कि उसके अधिकारियों का रवैया सही नहीं है और आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायकों की ओर से मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर किए गए कथित हमले के बाद पैदा हुए संकट को खत्म करने की इसकी कोशिशों पर उन्हें ‘सकारात्मक’ रुख दिखाना चाहिए। बीते 19-20 फरवरी की दरम्यानी रात मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में ‘आप’ के कुछ विधायकों ने प्रकाश पर कथित हमला किया।

प्रकाश के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली सरकार के सभी कर्मचारी केजरीवाल सहित सभी मंत्रियों की बैठकों का बहिष्कार कर रहे हैं। वे हर रोज अपने-अपने दफ्तरों में दोपहर 1:30 बजे पांच मिनट का मौन भी धारण करते हैं। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की तरफ से उनकी मांग के बारे में कोई पत्र नहीं मिला है।

इससे पहले, दिन में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के एक संयुक्त फोरम ने उप-राज्यपाल अनिल बैजल और पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से अपील की कि वे शीर्ष नौकरशाह पर कथित हमले के मामले में केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करें। फोरम ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल जब तक लिखित रूप में माफी नहीं मांगते, तब तक ‘आप’ सरकार के मंत्रियों की बैठकों का बहिष्कार जारी रहेगा।

समाज कल्याण मंत्री ने कहा, ‘हम सभी को समझने की जरूरत है कि इस तरह काम नहीं चलेगा और इसलिए उन्हें (अधिकारियों को) मौजूदा संकट खत्म करने के सरकार के प्रयासों पर सकारात्मक रुख दिखाना होगा।’ गौतम ने कहा, ‘सरकार गलत चीजों को खारिज करती रही है। मेरा मानना है कि (अधिकारियों का) ऐसा रवैया सही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जनता का काम प्रभावित नहीं होना चाहिए।

गौतम ने कहा, ‘यदि हमारे घर में कोई समस्या होती है तो हम चर्चा के जरिए इसे सुलझाने की कोशिश करते हैं। हम एक परिवार की तरह हैं। हमें मिलकर काम करना चाहिए। विश्वास कायम करना सिर्फ राजनीतिक कार्यपालिका का काम नहीं है, यह दोनों तरफ से होना चाहिए।’ सरकारी कर्मियों के फोरम ने अपनी बैठक में आज एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि जब तक केजरीवाल और सिसोदिया में लिखित रूप में सार्वजनिक तौर पर माफी नहीं मांगते और अधिकारियों की निजी सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित करने के कदम नहीं उठाते तो वे लिखित संवाद के जरिए ही ‘आप’ के मंत्रियों के साथ काम करेंगे।

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