अटॉर्नी जनरल ने न्यायालय के खिलाफ टिप्पणियों पर यूट्यूबर के खिलाफ अवमानना शुरु करने पर सहमति दी

KK Venugopal
प्रतिरूप फोटो

शीर्ष विधि अधिकारी के के वेणुगोपाल ने अपने सहमति पत्र में कहा, ‘‘मैंने पाया कि वीडियो की सामग्री, जिसे लगभग 1.7 लाख दर्शकों ने देखा है, भारत के उच्चतम न्यायालय और न्यायपालिका के लिए अत्यधिक अपमानजनक है और इसका मकसद स्पष्ट रूप से अदालतों को बदनाम करना है।’’

अटॉर्नी जनरल (एजी) के के वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय और उसके न्यायाधीशों के खिलाफ एक वीडियो में कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर मंगलवार को यूट्यूबर अजीत भारती के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति दे दी।

शीर्ष विधि अधिकारी ने अपने सहमति पत्र में कहा, ‘‘मैंने पाया कि वीडियो की सामग्री, जिसे लगभग 1.7 लाख दर्शकों ने देखा है, भारत के उच्चतम न्यायालय और न्यायपालिका के लिए अत्यधिक अपमानजनक है और इसका मकसद स्पष्ट रूप से अदालतों को बदनाम करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अजीत भारती द्वारा उच्चतम न्यायालय के खिलाफ लगाए गए आरोपों में अन्य बातों के अलावा रिश्वत, पक्षपात और अधिकार का दुरुपयोग शामिल है।’’ वकील कृतिका सिंह ने वेणुगोपाल को पत्र लिखकर अदालत की अवमानना ​​कानून की धारा 15 के तहत सहमति देने का अनुरोध किया था।

अदालत के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपराधिक अवमानना कार्यवाही ​​​​की शुरुआत करने के लिए एक जरूरी शर्त है। कृतिका सिंह ने इस साल 24 जून के वीडियो में सर्वोच्च अदालत और न्यायाधीशों के खिलाफ भारती की कुछ कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों का जिक्र किया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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