आयुष्मान भारत सभी को एक तरह के उपचार सुविधा प्रदान करने का प्रतीक: मोदी

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[email protected] । Sep 23 2018 4:04PM

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से देश आज़ाद हुआ, लोग ''गरीबी हटाओ'' के नारे सुनते आये। गरीबों के नाम पर राजनीति करने के बजाय गरीबों के सशक्तिकरण पर बल दिया जाता, तो देश वैसा नहीं होता जैसा आज है।

रांची। स्वास्थ्य के क्षेत्र में समग्र तरीके से काम करने की प्रतिबद्धता तथा अपनी सरकार के कार्यों को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि आयुष्मान भारत मिशन सही मायने में एक भारत एवं सभी को एक तरह के उपचार की भावना के साथ समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करता है। रांची के प्रभात तारा मैदान में आयुष्मान भारत योजना की शुरूआत करते हुए मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना संप्रदाय, जाति, ऊंच-नीच के आधार पर योजना नहीं होगी। व्यक्ति चाहे किसी भी जाति से हो, किसी भी बिरादरी से हो, किसी भी सम्प्रदाय से हो, इसमें कोई भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ सभी को आयुष्मान भारत का लाभ मिलेगा और यही 'सबका साथ, सबका विकास है।’’ 

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से देश आज़ाद हुआ, लोग 'गरीबी हटाओ' के नारे सुनते आये। गरीबों के नाम पर राजनीति करने के बजाय गरीबों के सशक्तिकरण पर बल दिया जाता, तो देश वैसा नहीं होता जैसा आज है। मोदी ने कहा कि देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा देने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपीय संघ की कुल आबादी के बराबर है। उन्होंने कहा कि अगर आप अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको, इन तीनों देशों की आबादी को भी जोड़ दें, तो उनकी कुल संख्या इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के करीब ही होगी। 

उन्होंने स्पष्ट किया कि जो राज्य इस योजना से जुड़े हैं, उनमें रहने वाले व्यक्ति किसी भी राज्य में जाएं, उन्हें इस योजना का लाभ मिलता रहेगा। अभी तक देशभर के 13,000 से अधिक अस्पताल इससे जुड़ चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना कितनी व्यापक है इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कैंसर, दिल की बीमारी, गुर्दे और लीवर की बीमारी, मधुमेह समेत 1300 से अधिक बीमारियों का इलाज इसमें शामिल है। उन्होंने कहा कि इन गंभीर बीमारियों का इलाज सरकारी ही नहीं बल्कि अनेक प्राइवेट अस्पतालों में भी किया जा सकेगा ।

उन्होंने कहा कि सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने के लिए समग्र तरीके से कार्य कर रही है। एक तरफ सरकार वहनीय स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान दे रही है, तो वहीं दूसरी ओर रोकथाम पर आधारित स्वास्थ्य सेवा पर भी जोर दिया जा रहा है। मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से दो महापुरुषों का नाता जुड़ा है। अप्रैल में जब योजना का पहला चरण शुरु हुआ था तो उस दिन बाबा साहेब अंबेडकर का जन्मदिन था। अब इसी कड़ी में, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिवस से दो दिन पहले शुरु हुई है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सरकारी धन से इतनी बड़ी योजना किसी भी देश में नहीं चल रही है । 

प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को, गरीब से भी गरीब को इलाज मिले, स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिले, आज इस विजन के साथ बहुत बड़ा कदम उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के संकल्प के साथ, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आज से लागू हो रही है। आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 5 लाख रूपये तक का जो खर्च है उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है तो उस बीमारी का भी खर्च इस योजना द्वारा उठाया जाएगा। 14555 नंबर पर फोन करके या फिर अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर भी योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने यहां पर 10 वेलनेस-सेंटर्स का भी शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि अब झारखंड में करीब 40 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं और देशभर में इनकी संख्या 2300 तक पहुंच चुकी है। मोदी ने जोर दिया कि अगले 4 वर्षों में देशभर में ऐसे डेढ़ लाख सेंटर्स तैयार करने का लक्ष्य है। उन्होंने सभी लोगों से इस योजना को सफल बनाने एवं स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण में योगदान करने की अपील की।

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