आजम खां की पत्नी को नामांकन से पहले भरना पड़ा 30 लाख का जुर्माना

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आजम खां की पत्नी तंजीम फातिमा को भी सोमवार को नामांकन दाखिल करना था। लेकिन पर्चा फरने से पहले उन्हें 30 लाख रुपए का बिल चोरी का जुर्माना भरना पड़ा।

उत्तर प्रदेश विधानसभा की 11 और पूर्वी यूपी की 3 सीटों पर अगले माह होने वाले उपचुनाव के लिए सभी उम्मीदवारों ने 30 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पर एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता और समाजवादी सांसद आजम खां को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यह कोई पहली दफा नहीं था जब आजम खां ने सुर्खियां बटोरी हो, वह हमेशा ही खबरों में बने रहते हैं। 

दरअसल, आजम खां की पत्नी तंजीम फातिमा को भी सोमवार को नामांकन दाखिल करना था। लेकिन पर्चा फरने से पहले उन्हें 30 लाख रुपए का बिल चोरी का जुर्माना भरना पड़ा। आपको बता दें कि पर्चा दाखिल करने के लिए सरकारी विभाग की देनदारी का अनापत्ति प्रमाण पत्र जरूरी होता है। ऐसे में तंजीम फातिमा को पहले अपने हमसफर रिजॉर्ट से जुड़े बिजली बिल चोरी मामले का बकाया 30 लाख रुपए भरना पड़ा। 

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तमाम तरह के मामलों में घिरे आजम खां पर पिछले दिनों एक और कार्रवाई हुई थी। दरअसल मामला बिजली चोरी से जुड़ा हुआ था जिसके चलते रामपुर प्रशासन ने आजम खां के हमसफर रिजॉर्ट पर छापा मारा था।

क्या था मामला ?

हमसफर रिजॉर्ट में लगे 5 KW के बिजली के मीटर पर 33 KW का लोड पाया गया था। जिसके बाद बिजली विभाग ने आजम खां के रिजॉर्ट की बिजली ही काट दी और बिजली चोरी अधिनियम के तहत आजम खां की पत्नी पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया था।  

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रामपुर पहुंचे आजम खां

84 मामले दर्ज होने के बाद 12 अगस्त से रामपुर को अलविदा कहने वाले आजम खां सोमवार को आखिर अपने संसदीय क्षेत्र पहुंच गए और पत्नी तंजीम फातिमा द्वारा चुनावी पर्चा दाखिल करते समय उन्हीं के साथ मौजूद रहे। यह आजम खां के लिए महत्वपूर्ण समय रहा होगा क्योंकि जब समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव उनके संसदीय क्षेत्र रामपुर पहुंचे थे उस वक्त भी उन्होंने रामपुर आना मुनासिब नहीं समक्षा।

भाजपा को निशाने पर लिया

रामपुर पहुंच पार्टी कार्यालय में आजम खां ने कहा कि उन पर लगातार मुकदमें दर्ज कराकर भाजपा सरकार ने खुद पर ही सवाल खड़े कर लिए हैं। शुरू में जब 2-4 मामले दर्ज हुए थे तो लोग कह रहे थे कि अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे लेकिन जब मामले लगातार बढ़ने लगे वो भी भैंस चोरी, बकरी चोरी, किताबो की चोरी और शराबखाने में लूट के तो जनता समक्ष नहीं और किसी को भी यकीन नहीं हुआ। 

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हालांकि, भाजपा सरकार के साथ ही आजम खां ने अफसरों को भी निशाने पर ले लिया और कहा कि अगर अफसरो की दुश्मनी मेरे से है तो मुझ पर केस दर्ज करावाते। मेरी पत्नी, मेरे बेटों, बूढ़े भाई, बूढ़ी बहन और मेरी मरी हुई मां पर एफआईआर दर्ज कर दी। मेरे साथियों को आरोपी बना दिया कुछ को तो जेल में ही डाल दिया।

इसी के साथ आजम खां ने कहा कि यह लड़ाई किसी धर्म या जाति की नहीं है बल्कि कुछ अफसरों ने जिद करके एफआईआर दर्ज की है। इसी बीच उन्होंने न्याय व्यवस्था पर भरोसा भी जताया और कहा कि न्यायालय से इंसाफ जरूर मिलेगा।

गौरतलब है कि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में आजम खां ने रामपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी और बाद में लोकसभा चुनाव के दरमियां समाजवादी पार्टी ने उन्हें रामपुर संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया था। जिसके बाद आजम खां ने भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा को हराकर जीत दर्ज की थी। सांसद बनने के बाद आजम खां को विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तभी से रामपुर विधानसभा सीट खाली हो गई थी। जिसके बाद अब इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। 

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