युगपुरूष थे बाबा साहब अम्बेडकरः राज्यपाल आर्लेकर

Governor Arlekar

इस अवसर पर श्री आर्लेकर ने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर के आर्थिक, वित्तीय और प्रशासनिक योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने समता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को तैयार करने का अहम कार्य किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के सम्मान और उनके काम को आगे बढ़ाने के जो अभियान चलाये हैं,

शिमला   फोरम आॅफ एस.सी एण्ड एस.टी लेजीस्लेटर एण्ड पार्लियामेंटेरियनस तथा डाॅ. अम्बेडकर चैम्बर आॅफ कामर्स-डी.ए.सी.सी के संयुक्त तत्वावधान में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय पांचवें अंतरराष्ट्रीय अम्बेडकर कनक्लेव-2021 के प्रथम सत्र की अध्यक्षता आज हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की। इस कनक्लेव का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संविधान, शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता, स्टार्ट-अप और आर्थिक विकास जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

इस अवसर पर श्री आर्लेकर ने कहा कि डाॅ. अम्बेडकर के आर्थिक, वित्तीय और प्रशासनिक योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने समता, बन्धुता एवं मानवता आधारित भारतीय संविधान को तैयार करने का अहम कार्य किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के सम्मान और उनके काम को आगे बढ़ाने के जो अभियान चलाये हैं, वे प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता देने के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधि बधाई के पात्र हैं।

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हिमाचल के राज्यपाल ने कहा कि बाबा साहब ने समता, करूणा और बंधुता के आदर्शों को, समाज के धरातल पर उतारने का जो लंबा और अहिंसात्मक संघर्ष किया, वह उन्हें एक युगपुरूष का दर्जा दिलाता है। उन्होंने सदियों से अशिक्षा और सामाजिक अन्याय के तले दबे-कुचले लोगों में आशा, आत्म-विश्वास और आत्म-गौरव का संचार किया था। यह प्रसन्नता की बात है कि बाबा साहब के दिखाए आदर्श और मार्ग पर चलकर अनुसूचित जातियों और जन-जातियों के लोगों के लिए फोरम महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं।

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