सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले के बाद बाबरी मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी: शिवसेना
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Sep 30 2020 3:36PM
लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित मामले के सभी 32 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले।
मुंबई। शिवसेना सासंद संजय राउत ने बुधवार को कहा कि राम जन्मभूमि विवाद मामले में 2019 में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी। बाबरी मामले में सभी आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा बरी किये जाने के फैसले के बारे में राउत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘ राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के पिछले साल आये फैसले और इस साल अगस्त में प्रधानमंत्री द्वारा (प्रस्तावित) मंदिर का भूमि पूजन किये जाने के बाद विशेष अदालत में इस मामले ने अपनी प्रासंगिकता खो दी थी।’’
लखनऊ में विशेष सीबीआई अदालत ने भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित मामले के सभी 32 आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले। विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने अपने फैसले में कहा कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। विशेष सीबीआई अदालत में चला यह मामला उत्तर प्रदेश के आयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा गिराये जाने से संबंधित है।I and my party Shiv Sena, welcome the judgment and congratulate Advani ji, Murli Manohar ji, Uma Bharti ji & the people who have been acquitted in the case: Sanjay Raut, Shiv Sena, on the #BabriMasjidDemolitionVerdict https://t.co/WOQAtoYkXQ
— ANI (@ANI) September 30, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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