BSF कर्मियों को खराब गुणवत्ता का भोजन, कोर्ट करेगा सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने खराब गुणवत्ता का भोजन दिये जाने के आरोप लगाने के बाद गृह मंत्रालय से स्थिति रिपोर्ट की मांग वाली याचिका पर सुनवायी 16 जनवरी को करना आज तय किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने नियंत्रण रेखा पर खराब गुणवत्ता का भोजन दिये जाने के बीएसएफ जवान की ओर से आरोप लगाने के बाद गृह मंत्रालय से स्थिति रिपोर्ट की मांग वाली याचिका पर सुनवायी 16 जनवरी को करना आज तय किया। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले पर सुनवायी 16 जनवरी को करना तय किया क्योंकि वह आज यह पीठ बैठी नहीं। याचिका बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव की ओर से फेसबुक पर पोस्ट किये गये उस वीडियो के मद्देनजर पूर्व केंद्रीय कर्मचारी पूरन चंद आर्य ने दायर की है।
जवान ने उक्त वीडियो में अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार एवं खराब कामकाजी स्थिति होने का दावा किया था। जनहित याचिका में गृह मंत्रालय को बीएसएफ जवान की ओर से अपने वीडियो में लगाये गए आरोपों पर भारत में सभी अर्धसैनिक बलों के संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। जवान को वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अधिवक्ता अभिषेक कुमार चौधरी के जरिये दायर जनहित याचिका में समानता के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 14) और जीवन (अनुच्छेद 21) का उल्लेख करते हुए जवानों को अपर्याप्त एवं खराब गुणवत्ता का भोजन मुहैया कराने के आरोपों को रेखांकित किया गया है। याचिका में घटना पर कार्रवाई की मांग की गई है ताकि बल का मनोबल प्रभावित नहीं हो और इसमें राशन खरीद, भोजन तैयार करने और विभिन्न श्रेणी के अधिकारियों को परोसे जाने के बारे में स्पष्टता की मांग की गई है।
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