Balakot Air Strike Anniversary: जब हमने दुश्मन देश को दिया संदेश- घुस कर मारेंगे
इस हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘हमलों को रोकने’ के उद्देश्य से ‘ऐहतियात’ के तौर पर अंजाम दिया गया था। यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था।
जब भी बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र होता है, हर भारतीय को अपने सैनिकों के कामों पर छाती गर्व चौड़ी हो जाती है। बालाकोट एयर स्ट्राइक को बुधवार एक साल पूरा हो गया। 29 फरवरी 2019 को भारत ने पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें कई आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। दो मिनट से भी कम समय में इसे अंजाम दिया गया था। भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था। भारत के इस पलटवार को पुलवामा हमले का बदला माना जाता है। बारह दिन पहले ही 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
I thank the Prime Minister Shri @narendramodi for bringing change in India’s approach against terrorism & our ways to counter terror. The Surgical Strikes of 2016 and Balakote Air Strikes of 2019 are testimony to this change. This is certainly a New and Confident India in making.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 26, 2020
इस हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘हमलों को रोकने’ के उद्देश्य से ‘ऐहतियात’ के तौर पर अंजाम दिया गया था। यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था। इसके चलते यह ‘आसान निशाना’ बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया था। यह शिविर बालाकोट में स्थित था। संदर्भ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित शहर का था जो नियंत्रण रेखा से करीब 80 किलोमीटर दूर और ऐबटाबाद के नजदीक स्थित है जहां अमेरिकी बलों ने 2011 में अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था। वायुसेना के विमानों ने आतंकी शिविरों को बर्बाद करने के लिये एक हजार किलोग्राम वजन के कई लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया। अभियान की शुरूआत तड़के 3.45 पर हुई जो 4.05 बजे तक चला जबकि वास्तविक हमला करीब दो मिनट ही चला। युद्धक विमानों ने अभियान के लिए कई वायुसैनिक अड्डों से उड़ान भरी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरे अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए थे।
Former Air Force Chief Birender Singh Dhanoa on one year of #BalakotAirstrike: The message that we wanted to give was, ‘ghus kar maarenge’ no matter where you are. Otherwise, we could have attacked them from our territory as well. pic.twitter.com/zGL32LnHCK
— ANI (@ANI) February 26, 2020
बालाकोट एयरस्ट्राइक के एक साल पूरे होने परपूर्व वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा कि एक साल बीत चुका है और हम संतुष्टि के साथ पीछे मुड़कर देखते हैं। हमने बहुत कुछ सीखा है, बालाकोट के संचालन के बाद बहुत सारी चीजें लागू की गई हैं। मूल रूप से, यह हमारे कार्यों को संचालित करने के तरीके में एक बदलाव है। दूसरे पक्ष ने कभी नहीं माना कि हम पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी प्रशिक्षण शिविर को बर्बाद कर देंगे। हमने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया। धनोआ ने कहा कि बालाकोट हवाई हमले के बाद, पूरे भारतीय चुनावों में कोई बड़ा आतंकवादी हमला नहीं हुआ क्योंकि वे डर गए थे कि हम फिर से उसी तरीके से या और भी विनाशकारी तरीके से जवाब देंगे। जो संदेश हम देना चाहते थे, वह था, "घुस कर मारेंगे" चाहे आप कोई भी हों। अन्यथा, हम उन पर अपने क्षेत्र से भी हमला कर सकते थे।
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