बसपा कार्यकर्ताओं की बदजुबानी के विरोध में बलिया के बाजार बंद

[email protected] । Jul 27 2016 4:42PM

दयाशंकर की मां, पत्नी, बेटी के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी के विरोध और मामले में मायावती समेत बसपा के आरोपी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर बलिया के तमाम बाजार बंद रहे।

बलिया। बदजुबानी के खिलाफ पिछले दिनों लखनऊ में हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रदर्शन के दौरान भाजपा के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की मां, पत्नी और बेटी के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी के विरोध और इस मामले में बसपा मुखिया मायावती समेत दल के आरोपी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर आज बलिया के तमाम बाजार बंद रहे। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि छात्रों तथा व्यापारियों के संगठनों के आहवान पर बलिया के विभिन्न बाजार बंद रहे। इस दौरान किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। बंद के आह्वान को देखते हुए जिला मुख्यालय पर सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किए गए थे।

जिला मुख्यालय पर बंद का व्यापक असर रहा। दुकानें पूरी तरह से बन्द रहीं और सड़कों पर भी लोगों का आवागमन कम रहा। भाजपा के पूर्व प्रान्तीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने पिछले हफ्ते एक बयान में मायावती पर अभद्र टिप्पणी की थी। उसके बाद उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया था और उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इसके विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं ने गत 21 जुलाई को सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया था, जिसमें उनके परिवार की मां, बहन और बेटी के खिलाफ अभद्रतापूर्ण नारे लगाये गये थे। ‘गालीकाण्ड’ के नाम से मशहूर हो चुके इस मामले में गत शुक्रवार को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में बसपा मुखिया मायावती, महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर आदि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।

इस बीच, दयाशंकर सिंह को भाजपा में वापस लेने को लेकर पार्टी में अंदर ही अंदर दबाव बढ़ने लगा है। सलेमपुर से सांसद रवीन्द्र कुशवाहा के बाद घोसी से भाजपा सांसद हरिनारायण राजभर ने भी सिंह को भाजपा में वापस लिये जाने की मांग की है। उनका तर्क है कि जब बसपा ने सार्वजनिक तौर पर दयाशंकर के परिजनों के विरुद्ध अशिष्ट टिप्पणी के बाद भी अपने नेताओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की तो फिर दयाशंकर पर ही एकतरफा कार्रवाई क्यों की जाए। भाजपा नेताओं पर दयाशंकर के मामले में क्षत्रिय समाज का भी खासा दबाव है। माना जा रहा है कि क्षत्रिय नेताओं के दबाव के कारण ही मऊ सदर से बसपा के घोषित उम्मीदवार अजय सिंह ने पिछले दिनों बसपा से इस्तीफा दे दिया है। बसपा के प्रदर्शन में पार्टी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ रहे रसड़ा से विधायक उमाशंकर सिंह के विरुद्ध भी क्षत्रिय समाज के लोगों ने मोर्चा खोलते हुए उन्हें विधानसभा के आगामी चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दी है।

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