वोट तो मांग रहे हैं नेता जी लेकिन क्या जानते है दक्षिण दिल्ली के बुनियादी मुद्दे

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[email protected] । May 5 2019 3:46PM

इससे मुझ पर काफी बोझ बढ़ जाता है क्योंकि मेरा काम कुछ महीनों के लिए होता है।’’ घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली मुमिना ने कहा कि वह टैंकर से पानी खरीदती हैं और कभी-कभी उसे पूरे महीने पानी नहीं मिलता।

नयी दिल्ली। दक्षिण दिल्ली में नेताओं के नामों पर वोट पाना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां लोगों के लिए पानी, बिजली जैसे बुनियादी मुद्दे अहम हैं। राजनीतिक दल जहां एक ओर राष्ट्रवादी, बेरोजगारी, पूर्ण राज्य का दर्जा जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं इस निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को एक ऐसे चेहरे की तलाश है जो उनकी रोजमर्रा की समस्याओं का निदान कर पाए। तुगलकाबाद के एक गांव के बुजुर्ग पेंटर ने कहा कि उन्हें एक ऐसे सांसद की तलाश है जो बिजली-पानी की उनकी समस्या को दूर करे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास बिजली का कनेक्शन नहीं है, इसलिए मुझे हर महीने 300 रुपए बिजली और 300 रुपए पानी के लिए देने पड़ते हैं। इससे मुझ पर काफी बोझ बढ़ जाता है क्योंकि मेरा काम कुछ महीनों के लिए होता है।’’ घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने वाली मुमिना ने कहा कि वह टैंकर से पानी खरीदती हैं और कभी-कभी उसे पूरे महीने पानी नहीं मिलता। 

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उन्होंने कहा, ‘‘संगम विहार में गर्मियों में स्थिति और खराब हो जाती है। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने काफी कुछ किया है लेकिन ऐसी बुनियादी परेशानियां अब भी हल नहीं हो पाई हैं।’’ खाना बनाने का काम करने वाली बेबी प्रसाद ने कहा, ‘‘हमें कोई ऐसा चाहिए जो पहले रोजमर्रा के मद्दों पर गौर करे। मैं छतरपुर में रहती हूं, जहां पानी की परेशानी है। कुछ काम हुआ है, जैसे कि पानी के पाइप कई जगह लग गए हैं लेकिन अंदर की गलियों में पानी अब भी नहीं पहुंचा है। वहां नालियों की भी आवश्यकता है।’’ दक्षिण दिल्ली ससंदीय में छतरपुर, पालम, बिजवासन, कालकाजी, महरौली, देवली, अम्बेडकर नगर, संगम विहार, तुगलकाबाद और बदरपुर कुल 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस सीट पर आप के राघव चड्डा, कांग्रेस के विजेंदर सिंह और भाजपा के मौजूदा सांसद रमेश बिधूड़ी मैदान में हैं।

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कांग्रेस 2014 के आम चुनाव में दिल्ली में खाता भी नहीं खोल पाई थी और उसने ओलंपिक पदक विजेता बॉक्सर विजेंदर सिंह को मैदान में उतार बड़ा दांव खेल रही है। विजेंदर पहली बार चुनावी मैदान में हैं। वह हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं गुर्जर समुदाय से आने वाले बिधूड़ी की जाट-गुर्जर बहुल संसदीय क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ है। देवली में रहने वाली पत्रकार निहारिका का मानना है कि चुनाव में जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका होगी। उनके अनुसार जाट समुदाय से आने वाले विजेंदर को बिधूड़ी (गुर्जर) के सामने मैदान में उतारने से मुकाबला अब कांग्रेस और भाजपा के बीच होगा। वहीं आप के उम्मीदवार चड्डा का मानना है दिल्ली में अब जाति और धर्म की राजनीति काफी पीछे छूट गई है। दक्षिण दिल्ली संसदीय क्षेत्र में कुल 20,65,755 मतदाता हैं जो 12 मई को छठे चरण में मतदान करेंगे।

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