माओवादियों के गढ़ की छवि बदलना चाहता है बस्तर, आगंतुकों को लुभाने की कोशिश में जुटा
छत्तीसगढ़ में बस्तर माओवादियों के गढ़ की अपनी छवि को बदलने की कोशिश में जुटा है। जिसके साथ वह आगंतुकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में बस्तर माओवादियों के गढ़ की अपनी छवि को बदलने की कोशिश में जुटा है। जिसके साथ वह आगंतुकों को लुभाने की कोशिश कर रहा है। इसके साथ ही वह पर्यटन स्थल की स्वच्छता का प्रबंध करने के लिए स्वयं सहायता समूह का गठन कर रहा है, पर्यटकों को कैंपेन , ट्रैकिंग और होमस्टे से जोड़ रहा है।
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'आमचो बस्तर पर्यटन' मॉडल के तहत पर्यटकों का विवरण,पर्यटकों की सुरक्षा आदि से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में लगा हुआ है ।अब तक इस मॉडल से लगभग 500 लोग जुड़ चुके हैं। इसके तहत जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के समन्वय से बस्तर के गांव में 16 होमस्टे बनाए हैं और अन्य 10 सितंबर के मध्य तक तैयार हो जाएंगे। सभी होमस्टे को पोर्टल पर सूचीबद्ध किया जाएगा।
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ग्राम पंचायत के लोगों ने बताया कि अब तक दिल्ली की एक महिला और कानपुर का एक जोड़ा अपने एक कमरे में एक एक रात के लिए रुका है, और हमने इन आगंतुकों से कुल 1400 रुपए कमाए की है। सामुदायिक पर्यटन मॉडल के तहत बेरोजगार युवाओं को भी आतिथ्य और पर्यटन में चुना और प्रशिक्षित किया जा रहा है।
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