टीकों के लिए राज्यों के बीच लड़ाई से देश की छवि खराब होती है: केजरीवाल

 Kejriwal

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले कहा था कि दिल्ली टीकों के लिए वैश्विक निविदा निकालेगी जबकि भाजपा नीत केंद्र पर राज्यों को ऐसा करने पर मजबूर करने का आरोप लगाया था। कोवैक्सीन का भंडार खत्म होने के बाद दिल्ली में करीब 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।

नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड के टीकों के लिए राज्यों के, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से झगड़ने और प्रतियोगिता करने से भारत की छवि “खराब” होती है। उन्होंने दिल्ली और कई अन्य राज्योमें टीकों की खुराकों की कमी की पृष्ठभूमि में कहा कि केंद्र को राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) अध्यक्ष ने एक ट्वीट में कहा, “भारतीय राज्यों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक-दूसरे से प्रतियोगिता करने/ लड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से, महाराष्ट्र ओडिशा से, ओडिशा दिल्ली से लड़ रहा है। भारत कहां है? भारत की कितनी खराब छवि बनती है। भारत को एक देश के तौर पर सभी भारतीय राज्यों की तरफ से टीकों की खरीद करनी चाहिए।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि भारत द्वारा टीका उत्पादन कर रहे देशों का रुख करने से अधिक सौदेबाजी की शक्ति मिलेगी बजाय राज्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप से ऐेसा करने के। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के पास ऐसे देशों के साथ मोल-भाव करने के लिए अधिक कूटनीतिक संभावना है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इससे पहले कहा था कि दिल्ली टीकों के लिए वैश्विक निविदा निकालेगी जबकि भाजपा नीत केंद्र पर राज्यों को ऐसा करने पर मजबूर करने का आरोप लगाया था। कोवैक्सीन का भंडार खत्म होने के बाद दिल्ली में करीब 100 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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