अंतिम चरण की लड़ाई ईश्वर चंद्र विद्यासागर पर आई, जानिए आखिर हैं कौन?
ईश्वरचंद्र विद्यासागर का नाम बंगाल के समाज सुधारकों में अग्रणी रूप से लिया जाता है। नौकरी से अवकाश लेने के बाद भी उन्होंने महिलाओं की स्थिति सुधारने की ओर विशेष ध्यान दिया।
एक नाम एक किरदार में तब्दील में हो जाता है तो कहानी बन जाती है। कुछ कहानी कुछ सेंकेड जीती है तो कुछ महीनों कुछ साल और कुछ मिसाल बनकर लोगों को प्रेरणा देती है। ऐसा ही एक कहानी की इबादत आज से 153 साल पूर्व लिखी गई थी और जिसके शिल्पकार बने थे महान दार्शनिक, समाज सुधारक और लेखक ईश्वर चंद्र विद्यासागर। वही ईश्वर चंद्र विद्यासागर जिनको लेकर वर्तमान दौर में बंगाल से दिल्ली दरबार तक युद्ध का एक मचान तन गया है। कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के दौरान दार्शनिक और लेखक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने से सियासी गलियारों में बवाल मचा है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विद्यासागर की फोटो को अपने फेसबुक और ट्विटर का प्रोफाइल पिक्चर बनाया है। टीएमसी ने इस मूर्ति को तोड़ने का आरोप भाजपा पर लगाया है।
शाह की रैली से पहले हुई इस हिंसा के लिए टीएमसी और भाजपा एक-दूसरे पर लगातार आरोप लगा रहे हैं। भाजपा ने इस मामले की शिकायत चुनाव आयोग से की है और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रेस कांफ्रेस कर ममता सरकार पर निशाना भी साधा है। जिस ईश्वर चंद्र विद्यायागर को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है आइए भारतीय इतिहास में ईश्वर चंद्र विद्यासागर के स्थान पर एक नजर डालते हैं।
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Kolkata: West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee visits Vidyasagar College; clashes broke out near it at BJP President Amit Shah's roadshow today. #WestBengal pic.twitter.com/LDZa5HpZvM
— ANI (@ANI) May 14, 2019
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