स्वास्थ्य मंत्रालय एम्स के विस्तार से पहले कर्मचारियों की कमी पर ध्यान दे: संसदीय समिति
देश के अलग अलग राज्यों में स्थापित किए गए छह नये एम्स में 1,303 शिक्षक पद खाली हैं। समिति का मानना है कि प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त और सबसे कुशल कर्मचारी होने चाहिए।
नयी दिल्ली। संसद की एक समिति ने एम्स-नयी दिल्ली में कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर ध्यान देने को कहा। समिति का कहना है कि इसके बिना दूसरे राज्यों में संस्थान का विस्तार बेकार होगा क्योंकि मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी। एम्स अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों/विनियमों से जुड़ी अधीनस्थ विधेयक समिति, 1956 ने सरकार द्वारा दी गयी जानकारी पर निराशा व्यक्त की कि एम्स, नयी दिल्ली में शिक्षकों के 245 पद जबकि गैर शिक्षण कर्मचारियों के 2,025 पद खाली हैं।
देश के अलग अलग राज्यों में स्थापित किए गए छह नये एम्स में 1,303 शिक्षक पद खाली हैं। समिति का मानना है कि प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में पर्याप्त और सबसे कुशल कर्मचारी होने चाहिए। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गैर शिक्षण कर्मचारियों की संख्या में बेहद कमी से संस्थान की ‘‘भर्ती की खामियों से भरी नीति’’ का पता चलता है। समिति ने स्वास्थ्य मंत्रालय से नये एम्स संस्थानों के साथ अधिकतम कर्मचारी अनुपात को ध्यान में रखते हुए एक व्यक्तिगत नीति तैयार करने को कहा।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘एम्स में कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए। वरना एम्स का विस्तार बेकार होगा क्योंकि अच्छे डॉक्टरों एवं कर्मचारियों के अभाव में मरीजों को सही और समय पर चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी।’’
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