ISF के साथ भविष्य में गठबंधन नहीं चाहते हैं बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर चौधरी
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, वाम मोर्चा और आईएसएफ का संयुक्त मोर्चा कोई भी कमाल दिखाने में असफल रहा। गठबंधन को राज्य में सिर्फ एक सीट मिली और वह भी इस्लामिक धर्मगुरु द्वारा जनवरी में गठित पार्टी (आईएसएफ) के हिस्से में गयी।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि भविष्य में वह इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि संदेह के कारण उन्होंने वाम मोर्चा से भी आईएसएफ के साथ गठबंधन नहीं करने को कहा है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, वाम मोर्चा और आईएसएफ का संयुक्त मोर्चा कोई भी कमाल दिखाने में असफल रहा। गठबंधन को राज्य में सिर्फ एक सीट मिली और वह भी इस्लामिक धर्मगुरु द्वारा जनवरी में गठित पार्टी (आईएसएफ) के हिस्से में गयी।
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने फोन पर पीटीआई/को बताया, ‘‘मैं कभी नहीं चाहूंगा कि आईएसएफ ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा बने जहां हम भी हों।’’ उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी कभी आईएसएफ के साथ गठबंधन करने नहीं गयी थी, वाम मोर्चा उनसे मिला था। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने उनसे (वाम मोर्चा) ऐसा नहीं करने को कहा था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे वादा कर चुके हैं। और अब आप परिणाम देख सकते हैं।’’ चौधरी ने कहा कि चूंकि कांग्रेस और वाम मोर्चा के बीच पहले से साझेदारी थी, इसलिए संयुक्त मोर्चा का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि मोर्चे का असफल होना तय था क्योंकि ‘‘पश्चिम बंगाल के लोगों ने गठबंधन को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
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