ममता के मंत्रियों से बोले धनखड़, अपनी बॉस को खुश करने के लिए न दें जवाब
राज्यपाल ने कहा कि सभी मंत्रियों को महज अपनी बॉस (बनर्जी) को खुश करने के लिए मेरे बयानों पर प्रतिक्रिया देनी बंद करनी चाहिए और उन्हें अपने विभागों पर ध्यान देना चाहिए।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्य के मंत्रियों से कहा कि वे अपनी ‘‘बॉस’’ को खुश करने के लिए उनके बयानों पर प्रतिक्रिया जताने की बजाय अपने विभागों पर ध्यान दें। वहीं तृणमूल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि वह अपनी सीमाएं लांघ चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि उनके बयानों पर या तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद प्रतिक्रिया दें या फिर इस काम के लिए एक विशेष मंत्री की नियुक्ति करें।
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राज्यपाल ने कहा कि सभी मंत्रियों को महज अपनी बॉस (बनर्जी) को खुश करने के लिए मेरे बयानों पर प्रतिक्रिया देनी बंद करनी चाहिए और उन्हें अपने विभागों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने सुना है कि कनिष्ठ स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य मेरी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही हैं। मैं उनसे आग्रह करूंगा कि वह अपने विभाग पर ध्यान दें क्योंकि हम सब लोग विभाग की असल हालत से अवगत हैं।
राज्यपाल के बयान का जवाब देते हुए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि धनखड़ सारी सीमाओं को लांघ चुके हैं। तृणमूल ने कहा कि राज्यपाल अपने कार्यक्षेत्र के बाहर के मामलों में हस्तक्षेप न करें। तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार पार्टी ने राज्यसभा में ‘राज्यपाल द्वारा राज्य में सामानांतर सरकार चलाने’ का मुद्दा उठाया था। पार्टी ने अब इस मुद्दे पर संसद में बहस की मांग की है।
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राज्यपाल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भट्टाचार्य ने कहा, “मुझे राज्यपाल द्वारा मेरे काम का मूल्यांकन करने की परवाह नहीं है। हमारी मुख्यमंत्री हमें सलाह और मार्गदर्शन दे सकती हैं। हमें उनके (राज्यपाल) मार्गदर्शन की जरूरत नहीं है। वह (राज्यपाल) सारी सीमाओं को लांघ चुके हैं और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र के बाहर के मुद्दों पर हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”
राज्यपाल का बयान तब आया जब एक दिन पहले उन्हें तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाए गए। उस समय वह एक कार्यक्रम में शामिल होने मुर्शिदाबाद जिले के डोमकाल जा रहे थे। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने मुर्शिदाबाद जिला जाने के लिए राज्य सरकार से हेलीकॉप्टर मांगा था, लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘असल में राज्य सरकार मेरी आवाजाही को नियंत्रित करना चाहती है। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं जो कुछ भी कर रहा हूं, यह मेरी संवैधानिक सीमाओं के दायरे में है। दूसरे लोग मुझे आदेश नहीं दे सकते।’’
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