बेटी और अपनी दूसरी पत्नी के बीच मनमुटाव से परेशान थे भय्यू महाराज!

Bhaiyyuji Maharaj family dispute behind suicide
[email protected] । Jun 13 2018 10:47AM

गोली मारकर खुदकुशी करने वाले हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज अपनी पहली पत्नी के गुजरने के बाद दूसरी शादी की वजह से कथित तौर पर पारिवारिक कलह से जूझ रहे थे।

इंदौर। गोली मारकर खुदकुशी करने वाले हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक संत भय्यू महाराज अपनी पहली पत्नी के गुजरने के बाद दूसरी शादी की वजह से कथित तौर पर पारिवारिक कलह से जूझ रहे थे। लेकिन पुलिस का कहना है कि वह सनसनीखेज मामले की अलग-अलग पहलुओं पर जांच कर रही है और जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचेगी। इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय शर्मा ने आज बताया, "भय्यू महाराज (50) की खुदकुशी के मामले की शुरूआती जांच में पारिवारिक कलह की बात जरूर सामने आयी है। लेकिन हम इसके अलावा कुछ अन्य पहलुओं पर भी बारीकी से जांच कर रहे हैं।" 

उन्होंने कहा, "हम इस मामले में जल्दबाजी में किसी नतीजे पर नहीं पहुंचेंगे।" पुलिस के एक अन्य आला अधिकारी ने बताया कि इंदौर बाइपास रोड के जिस बंगले में भय्यू महाराज ने मंगलवार को रिवॉल्वर से गोली मारकर खुदकुशी की, वहां से सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के साथ आध्यात्मिक संत का मोबाइल और कुछ अन्य गैजेट जब्त किये गये हैं। इनकी जांच की जा रही है। भय्यू महाराज की पहली पत्नी माधवी की नवंबर 2015 में दिल के दौरे के कारण मौत हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 में 49 साल की उम्र में मध्य प्रदेश के शिवपुरी की डॉ. आयुषी शर्मा के साथ दूसरी शादी की थी।

भय्यू महाराज के स्थानीय आश्रम में उनके नजदीक रहे लोगों का दावा है कि आध्यात्मिक संत की पहली पत्नी की युवा बेटी कुहू और उनकी दूसरी बीवी आयुषी के बीच जरा भी नहीं बनती थी। इन लोगों की मानें, तो कुहू और आयुषी के बीच विवाद के कारण कई बार अप्रिय स्थिति भी बनी जिससे भय्यू महाराज जाहिर तौर पर तनाव में रहते थे। पुलिस ने भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि​ वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने विभिन्न चिन्हित क्षेत्रों में खासकर नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण तथा स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान चलाने के लिये 31 मार्च को विशेष समिति गठित की थी। इस समिति में शामिल भय्यू महाराज समेत पांच आध्यात्मिक नेताओं को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया गया था। आध्यात्मिक नेताओं को राज्यमंत्री बनाये जाने पर विवाद सामने आने के बाद भय्यू महाराज ने घोषणा की थी कि वह नर्मदा नदी को बचाने के लिये "एक आम नागरिक की तरह" काम तो करेंगे, लेकिन राज्यमंत्री दर्जे का कोई भी सरकारी लाभ नहीं लेंगे। भय्यू महाराज की मौत को लेकर उठे अलग-अलग सवालों के बीच प्रदेश कांग्रेस पहले ही मांग कर चुकी है कि उनकी खुदकुशी के मामले की सीबीआई जांच करायी जाये।

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