भारत बंद ने दिखा दिया कि कृषि कानूनों को निरस्त करने की जरूरत है: अमरिंदर

Amarinder

उन्होंने दोहराया कि तीनों नए कानून ‘‘किसान विरोधी’’ हैं और हितधारकों के साथ बिना चर्चा के लिए इन्हें लाया गया। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आह्वान पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया गया।

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कहा कि ‘भारत बंद’ के जरिए किसानों द्वारा दिखायी गयी एकजुटता ने जता दिया है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए। उन्होंने दोहराया कि तीनों नए कानून ‘‘किसान विरोधी’’ हैं और हितधारकों के साथ बिना चर्चा के लिए इन्हें लाया गया। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आह्वान पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों में मंगलवार को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया गया। सिंह ने पूछा कि केंद्र इन कानूनों को निरस्त करवाने के लिए देश भर में आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है और सभी हितधारकों के साथ नए सिरे से बातचीत होनी चहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं उनके स्थान पर होता तो अपनी भूल को स्वीकार करने और कानून को वापस लेने में मुझे एक मिनट का भी समय नहीं लगता।’’ उन्होंने कहा कि पूरा देश किसानों की पीड़ा और जीवन-मरण की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ा है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से उत्पाद खरीदने के लिए निजी कंपनियों को कोई नहीं रोक रहा लेकिन पहले से व्यवस्थित ढांचे की कीमत पर इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने जानना चाहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म नहीं की जाएगी तो केंद्र सरकार ने कानून में इसका प्रावधान क्यों नहीं किया।उन्होंने कहा, ‘‘एमएसपी हमारा हक है।’’ सिंह ने कहा कि एमएसपी पर खरीदा गया अनाज जन वितरण प्रणाली में जाता है जिसके जरिए देश के गरीबों को भोजन मिलता है और एमएसपी खत्म होने पर यह व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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