भारत बायोटेक ने कहा, 150 रुपये प्रति खुराक की आपूर्ति लंबे समय तक टिकाऊ नहीं
हाल ही में कोरोना वायरस का टीकाकरण अभियान भारत सरकार ने अपने हाथ में लेते हुए केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि वह 21 जून से कोरोना वैक्सीन को सभी के लिए मुफ्त करवाने जा रही हैं।
हाल ही में कोरोना वायरस का टीकाकरण अभियान भारत सरकार ने अपने हाथ में लेते हुए केंद्र सरकार ने ऐलान किया कि वह 21 जून से कोरोना वैक्सीन को सभी के लिए मुफ्त करवाने जा रही हैं। अब हर राज्य में टीकाकरण का कोई अलग-अलग मूल्य नहीं होगा और भी को मुफ्त में टीका मिलेगा। पीएम मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए इस बात का ऐलान किया था। निजी क्षेत्र के लिए कोरोना की वैक्सीन की 150 रुपये प्रति खुराक की कीमत भी तय की थी। अब इस पर वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने अपना बयान जारी किया हैं।
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भारत बायोटेक ने कहा, 150 रुपये प्रति खुराक की आपूर्ति लंबे समय तक टिकाऊ नहीं
भारत बायोटेक ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार को उनकी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन की 150 रुपये प्रति खुराक की आपूर्ति कीमत लंबे समय में प्रतिस्पर्धी या टिकाऊ नहीं है। इसलिए, निजी बाजारों में कोवैक्सिन की उच्च कीमत लागत के हिस्से को ऑफसेट करने के लिए आवश्यक है। भारत बायोटेक ने कहा, "भारत सरकार को 150 रुपये प्रति खुराक पर कोवैक्सिन की आपूर्ति कीमत एक गैर-प्रतिस्पर्धी मूल्य है और स्पष्ट रूप से लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है।"
कोवैक्सिन की वर्तमान कीमत को कंपनी ने ठहराया सही
भारत में निजी क्षेत्र के लिए अन्य कोविड टीकों की तुलना में कोवैक्सिन की उच्च कीमत को सही ठहराते हुए, भारत बायोटेक ने कहा कि कम खरीद मात्रा, उच्च वितरण लागत और खुदरा मार्जिन से लेकर कुछ अन्य बुनियादी व्यावसायिक कारण वैक्सीन के उच्च मूल्य निर्धारण में योगदान करते हैं। वैक्सीन निर्माता कंपनी ने कहा है कि उसे उत्पाद विकास, क्लिनिकल परीक्षण और विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए अपने स्वयं के संसाधनों से "जोखिम में" 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करना पड़ा।
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निजी बाजार में अधिक वैक्सीन की कीमत रखना जरूरी है
कंपनी ने कहा, ‘‘भारत सरकार को कोवैक्सीन टीके 150 रूपये प्रति खुराक की आपूर्ति कीमत गैर-प्रतिस्पर्धी कीमत है और यह स्पष्ट रूप से लंबे समय तक वहनीय नहीं है।’’ भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि लागत निकालने के लिए निजी बाजार में अधिक कीमत रखना जरूरी है। उसने बताया कि भारत बायोटेक टीके के विकास, क्लिनिकल ट्रायल तथा कोवैक्सीन के लिए निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए अब तक 500 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश कर चुकी है।
उन कारकों को सूचीबद्ध करते हुए जिन पर वैक्सीन की कीमत निर्भर करती है, भारत बायोटेक ने कहा, "शुरुआत में, किसी को यह याद रखना चाहिए कि टीकों और अन्य फार्मास्युटिकल उत्पादों का मूल्य निर्धारण कई कारकों पर निर्भर करता है; माल और कच्चे माल की लागत, उत्पाद की विफलता, जोखिम उत्पाद विकास परिव्यय, उत्पाद की अधिकता, पर्याप्त विनिर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए संपूर्ण पूंजीगत व्यय, बिक्री और वितरण व्यय, खरीद मात्रा और अन्य नियमित व्यावसायिक व्यय के अलावा प्रतिबद्धताओं पर।"
The supply price of COVAXIN to Govt of India at Rs 150/dose, is a non-competitive price & clearly not sustainable in the long run. Hence a higher price in private markets is required to offset part of the costs: Bharat Biotech
— ANI (@ANI) June 15, 2021
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