भीमा-कोरेगांव हिंसा: नोएडा में डीयू प्रोफेसर के घर की तलाशी ली गई

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[email protected] । Sep 10 2019 5:39PM

नोएडा पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके आवास पर सिर्फ तलाशी और संदिग्ध सामग्री जब्त करने का अभियान चलाया गया। गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने कहा, ‘‘पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग की गई, तलाशी के कारण उन्हें अंग्रेजी में बताये गए, जब्ती का पंचनामा पावती के साथ दिया गया। ’’एसएसपी ने बताया कि बाबू इस दौरान घर पर ही मौजूद थे।

पुणे। पुणे पुलिस ने 2017 के एलगार परिषद मामले में मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसर हनी बाबू के उत्तर प्रदेश में नोएडा स्थित घर पर छापा मारा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह मामला माओवादियों से कथित संपर्क रखने का है।  पुणे के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) शिवाजी पवार ने कहा कि दिल्ली से लगे नोएडा के सेक्टर 78 स्थित बाबू के घर में तलाशी के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं की गई। बाबू (45) डीयू में अंग्रेजी पढ़ाते हैं।  पवार ने कहा, “हमने पुणे के विश्रामबाग पुलिस थाने में दर्ज एलगार परिषद से संबंधित मामले के सिलसिले में नोएडा स्थित बाबू के घर पर छापा मारा।” उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किये हैं।’’ बाबू पर आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश रचने), 121 और 121 ए(सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना या इसकी कोशिश करना), 124 ए (राजद्रोह) सहित अन्य आरोप लगाये गए हैं।

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नोएडा पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके आवास पर सिर्फ तलाशी और संदिग्ध सामग्री जब्त करने का अभियान चलाया गया। गौतम बुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने कहा, ‘‘पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग की गई, तलाशी के कारण उन्हें अंग्रेजी में बताये गए, जब्ती का पंचनामा पावती के साथ दिया गया। ’’एसएसपी ने बताया कि बाबू इस दौरान घर पर ही मौजूद थे। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया। पुणे पुलिस की टीम में पवार के अलावा अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी एवं साइबर विशेषज्ञ शामिल थे। वहीं नोएडा पुलिस ने साजो सामान से मदद मुहैया की।  जब्त की गई सामग्रियों का ब्योरा अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

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कोरेगांव भीमा युद्ध की 200वीं वर्षगांठ से पहले पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को एलगार परिषद का आयोजन किया गया था।  पुलिस के मुताबिक इस कार्यक्रम के दौरान दिये गए भाषणों की वजह से जिले के कोरेगांव-भीमा गांव के आस-पास एक जनवरी 2018 को जातीय हिंसा भड़क गई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। 

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