भोंसले ने कार्यालय के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया: सरकार

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[email protected] । Jan 15 2020 3:26PM

कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, पद ग्रहण करने के करीब 10 महीने बाद न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोंसले ने लोकपाल के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया।मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि भोंसले ने कार्यालय के सदस्य (न्यायिक) के पद से इस्तीफा दे दिया है, जो कि 12 जनवरी 2020 से प्रभावी होगा।

नयी दिल्ली। कार्मिक मंत्रालय ने बताया कि न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोंसले ने भ्रष्टाचार-रोधी इकाई लोकपाल के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है। कार्मिक मंत्रालय के अनुसार, पद ग्रहण करने के करीब 10 महीने बाद न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोंसले ने लोकपाल के सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया।मंत्रालय ने एक आदेश में कहा कि भोंसले ने कार्यालय के सदस्य (न्यायिक) के पद से इस्तीफा दे दिया है, जो कि 12 जनवरी 2020 से प्रभावी होगा। नौ जनवरी को उनके इस्तीफे की खबर देने के बाद भोंसले ने एक ट्वीट कर इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने कहा, ‘‘ लोकपाल के न्यायिक सदस्य पद से मैंने निजी कारणों के चलते छह जनवरी को इस्तीफा दे दिया, जो 12 जनवरी 2020 से प्रभावी होगा।’’

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति भोंसले को लोकपाल अध्यक्ष न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष ने 27 मार्च 2019 को पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल सदस्य को पांच साल के कार्यकाल या फिर उसके 70 साल की उम्र का होने तक के लिए नियुक्त किया जाता है। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से संबंध रखने वाले 63 वर्षीय भोंसले बंबई उच्च न्यायालय और कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके हैं। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों के लिए हैदराबाद उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर भी उन्होंने 15 महीने (2015-2016) तक अपनी सेवाएं दीं। नियमों के अनुसार, लोकपाल पैनल में एक अध्यक्ष और अधिकतम आठ सदस्य होने का प्रावधान है। इनमें से चार का न्याय तंत्र से होना जरूरी है।

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