कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार से बोले भूपेश बघेल, यदि उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया तो मानना पड़ेगा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायालय जाने की सलाह दे रही है। अगर उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने का आदेश देता है तो सरकार को मानना पड़ेगा।
रायपुर। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 44 दिन से जारी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही और किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर तल्ख हो गए। इसी बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने की सलाह देती है तो सरकार को यह मानना पड़ेगा।
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समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायालय जाने की सलाह दे रही है। अगर उच्चतम न्यायालय केंद्र सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने का आदेश देता है तो सरकार को मानना पड़ेगा। इससे अच्छा है सरकार इन कानूनों को खुद ही रद्द कर दें।
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भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से कानूनों को रद्द करने की अपील की है। हालांकि, सरकार का बार-बार यही कहना है कि वह कानूनों को वापस नहीं लेगी। इसके अलावा अलग कानूनों में संशोधन की बात है तो हम बात करने के लिए तैयार हैं और जरूरी संशोधन भी करेंगे। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने 40 किसान संगठनों के साथ आठवें दौर की वार्ता की। जहां पर किसान कानूनों को वापस लिए जाने की बात दोहराते रहे। सरकार की तरफ से किसान संगठनों के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश ने बातचीत की।
केंद्र सरकार किसानों को कृषि क़ानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की सलह दे रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को कृषि क़ानूनों को वापस लेने का आदेश देता है तो सरकार को मानना पड़ेगा। इससे अच्छा है सरकार इन क़ानूनों को खुद ही रद्द कर दें: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, भूपेश बघेल pic.twitter.com/TTGwuRCVtd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2021
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