भोपाल में कोरोना को लेकर बड़ा खुलासा, कोविड-19 से मरने वाले 80 प्रतिशत गैस पीड़ित

 gas victims who died of Covid-19
दिनेश शुक्ल । Jun 23 2020 5:27PM

भोपाल ग्रुप फॉर इंफारमेशन एंड एक्शन की संयोजक रचना ढींगरा ने कहा है कि राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य संस्थान और भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BHMRC) के पास दिल और फेफड़े की बीमारी से पीडि़त गैस पीडि़तों के आंकड़े हैं। सरकार को इन सभी को संदिग्ध मानते हुए कोरोना की जांच कराना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

भोपाल। भोपाल ग्रुप फॉर इंफारमेशन एंड एक्शन ने कोविड-19 से भोपाल में हुई मौतों के बारे में एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में कोविड-19 से भोपाल में होने वाली मौतों में 80 फीसदी मौतें गैस पीड़ित व्यक्तियों की बताई गई है। जिसको लेकर 1984 के यूनियन कार्बाइड आपदा में जीवित बचे लोगों के बीच काम करने वाले संगठनों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है। संगठनों पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह बताए कि साल 1984 के भयावह गैस कांड में तत्कालीन यूनियन कार्बाइड से रिसी मिथाइल आइसोसाइनाइट (एमआइसी गैस) से 5,21,322 लाख लोगों को मामूली नहीं बल्कि स्थायी क्षति हुई है। संगठनों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया जाना इसलिए जरूरी है क्‍योंकि डाऊ केमिकल्स (पूर्व में यूनियन कार्बाइड) से उन्हें उचित मुआवजा मिल सके।

भोपाल के गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे भोपाल ग्रुप फॉर इंफारमेशन एंड एक्शन की संयोजक रचना ढींगरा ने कहा है कि राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य संस्थान और भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BHMRC) के पास दिल और फेफड़े की बीमारी से पीडि़त गैस पीडि़तों के आंकड़े हैं। सरकार को इन सभी को संदिग्ध मानते हुए कोरोना की जांच कराना था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्‍होंने कहा कि मुख्यमंत्री को गैस पीडि़तों के साथ खड़े होना चाहिए। क्योंकि भोपाल की आबादी की एक तिहाई गैस पीड़ितो की संख्या है। जिसमें कोविड-19 की वजह से मरने वाले की संख्या तीन चौथाई है। 

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा कोरोना टेस्टिंग का वृहद अभियान

कोविड-19 की वजह से हुई मौतों के परीक्षण में 13 जून 2020 तक हुई 69 में से 60 मृतकों के चिकित्सीय दस्तावेजों और उनके परिजनों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है। जिसमें भोपाल शहर में कोविड-19 की वजह से हुई मौतों में से 74 प्रतिशत मौतें 45 गैस पीड़ितों की है, 5 प्रतिशत मौतें 3 गैस पीड़ितों के बच्चों की हैं और 21 प्रतिशत मौतें 12 गैर गैस पीड़ितों की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 60 वर्ष की आयु से कम उम्र में मरने वाले व्यक्तियों के 85 प्रतिशत यूनियन कार्बाइड गैस काण्ड के पीड़ित है। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोविड-19 की वजह से होने वाली मौतों में 27 मौतें यानि 87 प्रतिशत गैस पीड़ितों की है। जबकि कोविड-19 की वजह से मरने वाले 75 फीसदी अस्पताल में भर्ती होने के पाँच दिनों के अंदर ही खत्म हो गए। कोविड-19 की वजह से मरने वाले गैस पीड़ितों मे से 81 प्रतिशत गैस पीड़ित पुरानी बीमारी यानि गैस जनित बीमारी से पीड़ित थे। वही कोविड-19 की वजह से मरने वाले 65 प्रतिशत गैस पीड़ित पुरानी बीमारियों से पीड़त थे जबकि गैर गैस पीड़ित आबादी में पुरानी बिमारीयों से मात्र 13 प्रतिशत ग्रस्त थे। गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा भोपाल के गैस पीड़ित फेफड़े, किडनी, ह्दय और मस्तिष्क की पुरानी बीमारियों से दो से तीन गुना ज्यादा ग्रस्त थे। 

इसे भी पढ़ें: इंदौर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,373 हुई, अब तक 201 मरीजों की मौत

भोपाल गैस पीड़ितों के लिए संघर्षरत इन संगठनों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आज यूनियन कार्बाइड गैस कांड के 35 साल बाद गैस पीड़ितों का स्वास्थ्य इसलिए नाजुक है कि उनके स्वास्थ्य को यूनियन कार्बाइड की जहरीली गैस की वजह से स्थाई क्षति पहुँची है। हम यह भी ध्याना दिलाना चाहेगें कि आपने 08 दिसंबर 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में इसी तथ्य के आधार पर सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुधार याचिका में गैस कांड की वजह से सभी 5,21,322 गैस पीड़ितों के स्थाई तौर पर क्षतिग्रस्त होने पर जोर दिया था। उन्होनें पत्र में लिखा कि खेद का विषय है कि आंकड़ों की सत्यता पर आपके व्यक्तिगत प्रतिबद्धयता के बावजूद मध्य प्रदेश शासन द्वारा आज तक भोपाल गैस कांड की वजह से हुई मौतों और बीमारीयों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा है।

इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के लीवर और किडनी में सुधार

यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डॉव कैमिकल से अतिरिक्त मुआवजा लेने के लिए प्रदेश शासन द्वारा दायर सुधार याचिका में गैस कांड की वजह से मौतों की संख्या 5,295 बताई गई है। जबकि राज्य शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में ही मार्च 2011 में दायर आपराधिक सुधार याचिका में गैस कांड की वजह से हुई मौतों की संख्या 15,342 बताई गयी है। राज्य शासन द्वारा दायर याचिका में 90 प्रतिशत पीड़ितों को गैस कांड की वजह से अस्थाई तौर पर क्षतिग्रस्त माना है। कोविड-19 में मरने वालों में 80 प्रतिशत का गैस कांड से है, कोविड-19 से मरने वालों में 80 प्रतिशत का गैस कांड से प्रभावित होना यह स्पष्ट करता है कि गैस कांड की वजह से पीड़ितों को अस्थाई नहीं बल्कि स्थाई क्षति पहुँची है। 

भोपाल ग्रुप फॉर इंफारमेशन एंड एक्शन ने कोविड-19 की वजह से भोपाल में हुई 60 मौतों का आकलन 06 अप्रैल 2020 से 11 जून 2020 की अवधि में किया है। जिसमें सबसे अधिक भोपाल गैस कांड से पीड़ितों की मौत का आंकड़ा निकलकर सामने आया है। वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र के माध्यम से राज्य शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लगाई गई सुधार याचिका में गैस कांड की वजह से भोपाल गैस पीड़ितों को स्थाई क्षति पहुँचने की बात को लेकर इंगित करने की बात कही गई है।  

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़