उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें: कोरोना के 193 नए मामले दर्ज, अबतक 40.91 लाख मीट्रिक टन की हुई धान की खरीद

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उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 4091640.15 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,86,552 सैम्पल की जांच की गयी, जिसमें कोरोना संक्रमण के 193 नये मामले आये हैं। प्रदेश में अब तक कुल 9,27,31,505 सैम्पल की जांच की गयी हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 21 तथा अब तक कुल 16,87,799 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के कुल 645 एक्टिव मामले हैं। प्रसाद ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का कार्य निरन्तर किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में 11,84,200 डोज दी गयी। प्रदेश में कल तक पहली डोज 12,69,84,575 तथा दूसरी डोज 7,17,58,934 लगायी गयी हैं तथा अब तक कुल 19,87,43,509 डोज दी जा चुकी है। प्रसाद ने बताया कि कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नही हुआ है। इसलिए सभी लोग कोविड अनुरूप आचरण करे। टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कोविड हेल्पलाइन 18001805145 पर सम्पर्क करे। 

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दिव्यांग विद्यार्थी राष्ट्रीय छात्रवृत्ति के लिए कल तक करें आवेदन

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से दिव्यांग विद्यार्थियों हेतु संचालित केन्द्र पोषित छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत प्री-मैट्रिक पोस्ट-मैट्रिक, एवं टॉप क्लास छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर 2021 निर्धारित है। यह छात्रवृत्ति शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए उपलब्ध करायी गयी है। छात्रवृत्ति की पात्रता की शर्तें एवं विस्तृत जानकारी भारत सरकार के सुसंगत दिशा-निर्देश में वर्णित प्रतिबंधों के अनुसार होगी। विस्तृत दिशा-निर्देश/पात्रता की शर्तें दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की छात्रवृत्ति सम्बंधी वेबसाइट तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, उ0प्र0 की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद द्वारा पात्र श्रमिकों को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है

उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुनील भराला ने कहा कि उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पात्र श्रमिकों को लाभान्वित करने का काम किया जा रहा है। उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार बेहतर ढंग से कराये जाने के निर्देश श्रम कल्याण परिषद के अधिकारियों को दिया गया है। यह बाते सुनील भराला ने आज विधान भवन स्थित तिलक हॉल में उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद की 83वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार श्रमिकों के प्रति गम्भीर है और उनकों योजनाओं से लाभान्वित करने का कार्य किया जा रहा है, श्रमिकों के हित में वर्तमान सरकार द्वारा बेहतर ढंग से कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर बैठक में श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना के अन्तर्गत काशी/गोरखपुर/शाकुम्भरी देवी, सहारनपुर, मेरठ के धार्मिक पर्यटन यात्रा के संबंध में की गई कार्यवाही पर विचार विमर्श, उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद द्वारा संचालित योजनाओं को जनहित गारंटी अधिनियम के अन्तर्गत आच्छादित करने के संबंध में की गई कार्यवाही पर विचार विमर्श, राजा हरिश्चन्द्र मृतक श्रमिक आर्थिक सहायता योजना के अन्तर्गत पात्र श्रमिक की मृत्यु की स्थिति में उसके आश्रित को रु0 25,000 की धनराशि को बढ़ाकर रु0 1,00,000 किये जाने पर विचार विमर्श, श्रमिक कल्याण भवन शास्त्रीनगर कानपुर में आवश्यक मरम्मत/रंगाई पुताई कार्य के संबंध में की गई कार्यवाही पर विचार विमर्श, दुकानों/वाणिज्यक अधिष्ठानों/कारखानों का पंजीयन करने हेतु विशेष अभियान चलाये जाने के संबंध में गत बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार की गई कार्यवाही पर विचार विमर्श, उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद में आवर्त श्रमिकों का डाटा शासन स्तर पर प्रेषित किये जाने संबंधी गत बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार की गई कार्यवाही पर विचार विमर्श, उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद के आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के अनुमोदन पर विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर बैठक में उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद के सदस्य अजीत जैन, राधेकृष्ण त्रिपाठी, कन्हैया लाल भारती, मुराह राजभर, डी.के. सिंह सचिव/अपर श्रम कल्याण आयुक्त, प्रदीप कुमार उप श्रमायुक्त, अनुभव वर्मा उप श्रम कल्याण आयुक्त आदि उपस्थित रहे।

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत संचालित सहायक अभियंता (यांत्रिक) के आधारभूत प्रशिक्षण सत्र का किया गया आयोजन

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अन्तर्गत संचालित वाल्मी संस्थान मे सहायक अभियंता(यांत्रिक) के तीन महीने के आधारभूत प्रशिक्षण सत्र का आयोजन सिंचाई विभाग उतरेठीया में किया गया। इस अवसर पर वाल्मी वाटर एण्ड लेण्ड में मेनेजमेंट इंस्टीट्यूट/भूमि एवं जल प्रबंध संस्थान के निदेशक कृष्ण कुमार ने कहा कि इस संस्थान में सहायक अभियंता (यांत्रिक) के अधारभूत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सहायक अभियन्ता बेहतर ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इस संस्थान में सिंचाई विभाग के अलावा प्रथम बार लोक निर्माण विभाग के अभियंता यहॉ कुशलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है। इंदल सिंह भदौरिया जनसंचार एवं मीडिया परामर्शी (पैक्ट) सिंचाई विभाग ने सहायक अभियंताओं के प्रशिक्षण सत्र में कहा कि मीडिया तंत्र शासन की नीतियों, निर्णयों, उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने की दिशा मे संवाद सेतु का प्रशंसनीय कार्य करता है। प्रशिक्षणार्थियों को सरकार के प्रचार नोडल सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की अहम भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना विभाग का सहयोग विभागीय प्रगति, सफलता की कहानी एवं जनोन्मुखी कार्यक्रमों को जनता तक पहंचाने की दिशा मे वरदानवत सिद्ध होता है। भदौरिया ने मा.मुख्यमंत्री के संकल्पों को साकार करने के अभियान मे जलशक्ति मंत्री की सराहनीय भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों व पारदर्शी कार्य संस्कृति के परिणामस्वरूप आज सिंचाई विभाग प्रदेश का पहला विभाग बना हैं जहाँ अधिकारियों/कर्मचारियों की नियुक्ति/तैनाती उनकी दक्षता व उनकी अभिरुचि के अनुसार की जा रही है फलतः जहां किसानों के हर खेत तक समय से पानी पहुंचा हैवहीं दूसरी तरफ़ सिल्ट सफाई एवं बाढ सुरक्षा का अपूर्व ,ऐतिहासिक कार्य हुआ है जिसकी प्रसंशा जनप्रतिनिधियों ने की है।यह विभाग की सबसे बडी उपलब्धि है। वाल्मी संस्थान के पाठ्यक्रम निदेशक राजेश शुक्ला ने मीडिया प्रबंधन की जानकारी देने के लिए भदौरिया का आभार व्यक्त करते हुए संस्थान के निदेशक कृष्ण कुमार एवं प्रमुख प्रशिक्षक/अधिक्षण अभियंता ए.के झा के सफल प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन सबके प्रयासों से वाल्मी ने अपनी अनुपम पहचान बनाई है। 

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राजस्व विभाग के कार्मिकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ द्वारा सचिव/राहत आयुक्त, उ0प्र0 शासन के सहयोग से आपदा प्रबन्धन आधारित विभिन्न प्रकार की आपदाओं के परिप्रेक्ष्य में पूर्व तैयारी व न्यूनीकरण के संदर्भ में प्रदेश के समस्त जनपदों के राजस्व विभाग के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, अन्य सम्बन्धित राजस्व विभाग के कार्मिकों को संस्थान मुख्यालय पर राज्य स्तरीय 05 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से क्षमता संवर्धन के दृष्टिगत प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है और समानान्तर रूप से जनपद स्तरीय 03 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से संस्थान मुख्यालय के अधीनस्थ समस्त क्षेत्रीय/जिला ग्राम्य विकास संस्थानों द्वारा प्रथम प्रत्योत्तरदाता लेखपालों की क्षमता संवर्धन हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। यह जानकारी दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के महानिदेशक एल0 वेंकटेश्वर लू ने देते हुए बताया कि प्रथम चरण में 20-24 दिसम्बर, 2021 की अवधि में संस्थान द्वारा प्रदेश के जनपद-बिजनौर, गोरखपुर, प्रयागराज, गोण्डा तथा जौनपुर के राजस्व विभाग के अधिकारियेां को प्रशिक्षक के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से क्षमता संवर्द्धन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 27-31 दिसम्बर, 2021 की अवधि में जनपद-मऊ, पीलीभीत, लखीमपुर, सिद्धार्थनगर, प्रतापगढ़ के तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों, राजस्व निरीक्षकों की क्षमता संवर्धन के दृष्टिगत जलवायु परिवर्तन एवं अनुकूलन आपदा में प्राथमिक चिकित्सा, खोज एवं बचाव तथा हैण्डमास टेªनिंग व मार्कड्रिल, दुर्घटना अनुक्रिया प्रणाली, भीड़-भगदड़ नियन्त्रण प्रबन्धन, मानव जनित आपदाओं, आधुनिक आपदाओं, आपदा के उपरान्त सामाजिक मनोवैज्ञानिक प्रभाव, बाढ़, सूखा, अग्नि ताण्डव इत्यादि आपदाओं के विषय में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

लू ने बताया कि राजस्व विभाग के प्रतिभागी अधिकारियों को निकटस्थ आपदा प्रभावित 01 ग्राम-यकडिया कलां विकास खण्ड-बख्शी का तालाब, लखनऊ में 01 दिवसीय क्षेत्र भ्रमण कराने के साथ सम्बन्धित आगजनी आपदा का डेमो भी कराया गया। इन प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन की अवधि में राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय प्रबुद्ध वार्ताकारों द्वारा वार्तायें प्रदान की गयी। जिसमें प्रमुख रूप से के0के0 सिन्हा, आई0ए0एस0 पूर्व सदस्य राजस्व परिषद, के0 रविन्द्र नायक, आई0ए0एस0 प्रमुख सचिव प्रशासनिक सुधार, आर0के0 पाण्डेय, आई0ए0एस0 सचिव आबकारी एवं गन्ना विभाग उ0प्र0 शासन, डॉ0 मज़हर रशीदी प्रमुख प्रशिक्षक आपदा प्रबन्धन, डॉ0 एल0एम0 जोशी, नेशनल मास्टर टेªनर डी0ओ0पी0टी0 भारत सरकार, डॉ0 एस0सी0 शर्मा सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, पशुपालन निदेशालय उ0प्र0, अदिति उमराव, परियोजना निदेशक, यूपीएसडीएमए/राहत आयुक्त कार्यालय, उ0प्र0, लखनऊ, बी0पी0 सिंह, आई0पी0एस0 (सेवानिवृत्त) सदस्य यू0पी0रे0रा0 उ0प्र0, डॉ0 राकेश कुमार त्रिपाठी, एसोशिएट प्रोफेसर, के0जी0एम0यू0 लखनऊ तथा अमर सिंह, आपदा विशेषज्ञ इत्यादि का प्रमुख एवं महत्वपूर्ण योगदान है। इस कार्यक्रम का आयोजन महानिदेशक संस्थान एल0 वेंकटेश्वर लू, के संरक्षण तथा डॉ0 डी0सी0 उपाध्याय, अपर निदेशक संस्थान के निर्देशन में किया जा रहा है। उक्त प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के सत्र निदेशक बी0डी0 चौधरी, उप निदेशक, संस्थान हैं तथा इनके द्वारा समय समय पर एक राज्य स्तरीय वार्ताकार के रूप में भूमिका प्रदान की जा रही है। आयोजन के दृष्टिगत सहयोगी अधिकारियों के रूप में डॉ0एस0के0 सिंह सहायक निदेशक, संस्थान, कुमार दीपक, वरिष्ठ सलाहकार, आपदा प्रबन्धन केन्द्र तथा डॉ0 शिव बचन सिंह यादव, ज्येष्ठ अनुदेशक, संस्थान की अग्रणी भूमिका हैं।

अब तक 40.91 लाख मीट्रिक टन की गयी धान की खरीद

उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को उनकी उपज की कीमत मूल्य समर्थन योजना के अनुरूप या उससे अधिक दिलाने के उद्देश्य से किसानों से सीधे धान की खरीद करते हुए खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में अब तक विभिन्न क्रय केन्द्रों के माध्यम से, 4091640.15 मीट्रिक टन धान किसानों से क्रय किया है। खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार आज 87240.63 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। इस योजना से अब तक 603498 किसान लाभान्वित हुए हैं और करीब 5819.365 करोड़ रूपये का भुगतान उनके खातों में किया गया है। खरीद लक्ष्य के सापेक्ष 58 प्रतिशत से अधिक खरीद की जा चुकी है। खरीफ क्रय वर्ष 2021-22 में कॉमन धान 1940 रूपये प्रति कुंतल एवं ग्रेड-ए’ धान 1960 रूपये प्रति कुंतल की दर से खरीद की जा रही है। 

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जैविक कृषि से लागत में कमी होने से किसानों की आय बढ़ेगी

गो-सेवा आयोग द्वारा गो आधारित जैविक/प्राकृतिक कृषि को जन-जन तक पहुंचानें, इस सम्बन्ध में कृषकों की जिज्ञासाओं के निराकरण हेतु गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम नन्दन सिंह की अध्यक्षता में आज एक दिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित मुख्य अतिथि, लोकभारती संस्था के राष्ट्रीय संगठन मंत्री, बृजेन्द्र पाल जी ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए आयोग के कार्याें की सराहना करते हुए कहा कि गाय भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और इस प्रकार के आयोजनों से जनमानस में गोवंश की उपयोगिता के प्रति जागरूकता उत्पन्न होगी तथा भारतीय संस्कृति का रक्षण हो सकेगा। प्रो0 श्याम नन्दन सिंह, अध्यक्ष, उ0प्र0 गोसेवा आयोग ने कहा कि गाय के गोबर व गोमूत्र के माध्यम से जैविक कृषि को बढावा दिया जाये। गो आधारित जैविक/प्राकृतिक कृषि में उपज की लागत रासायनिक कृषि की अपेक्षा कम होती है। प्राकृतिक कृषि की लागत में कमी होने के कारण जहाँ किसान की आय बढ़ेगी वहीं ये किसान अपनी अगली पीढ़ियों को उर्वरा भूमि और शुद्ध पर्यावरण देने में सहभागी होंगे। प्रथम सत्र में डा0 आर0 ए0 राम, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, रहमानखेड़ा लखनऊ ने अपने व्याख्यान में ‘‘प्रकृति की भाषा को समझते हुए प्रकृति से जुड़कर‘‘ गो आधारित जैविक/प्राकृतिक कृषि का आह्वान किया तथा प्रतिभागी किसान भाइयों की जिज्ञासाओं का उत्तर देते हुए उनकी कठिनाइयों के निराकरण हेतु सुझाव प्रस्तुत किये। द्वितीय सत्र से पूर्व प्रतिभागी किसाना भाईयों ने अपने अनुभव बताते हुए जैविक/प्राकृतिक कृषि की कठिनाइयों का भी उल्लेख किया। द्वितीय समावेशी सत्र में विनय कौशल, उपनिदेशक, कृषि विभाग, उ0प्र0 ने उपस्थित कृषक भाईयों को परम्परागत खेती और जैविक कृषि की नवीन तकनीकों से अवगत कराया एवं उनके उत्साहवर्धन के लिए किये जा रहे राजकीय प्रयासों से भिज्ञ कराया। प्रश्नोत्तर काल में विनय कौशल जी द्वारा किसान भाईयों की समस्याओं के निराकरण हेतु सुझाव दिये गये। रासायनिक कृषि कर रहे उपस्थित किसान भाईयों को जैविक/प्राकृतिक खेती के लाभ बताते हुए उन्हें जैविक/प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया। इस समारोह का संचालन डा0 मुकेश सिंह, विशेष कार्याधिकारी द्वारा किया गया। इस अवसर पर आयोग के मा0 सदस्य कृष्ण कुमार सिंह ‘भोले सिंह‘, सदस्य राज कुमार लोधी, आयोग के सचिव डा0 वीरेन्द्र सिंह तथा आयोग के अन्य विशेष कार्याधिकारीगण भी उपस्थित रहे।

स्किल सेंटर के लिए एनसीआर के निकट उद्यमिता विकास संस्थान को भूमि आवंटित की जायेगी

उत्तर प्रदेश में उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए न्यूनतम दरों पर विभिन्न ट्रेडों में कौशल विकास हेतु स्किल सेंटर स्थापित किया जायेगा। जिसके लिए एनसीआर के निकट सरकारी भूमि को न्यूनतम दरों पर उद्यमिता विकास संस्थान (आईआईडी) को आवंटित किया जायेगा। इसमें युवाओं का कौशल विकास कर उनको रोजगार हेतु प्रशिक्षित किया जायेगा। यह निर्णय अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई उद्यमिता विकास संस्थान के संचालक मण्डल की 67वीं बैठक में लिया गया है। इसके साथ यह भी तय हुआ है कि उद्यमिता विकास संस्थान आगामी सत्र 2022-23 से फैशन डिजाइनिंग तथा एमबीए (उद्यमिता, ग्रामीण विकास एवं मार्केटिंग) पाठ्यक्रमों का संचालन करेगा। इसके साथ ही आल इण्डिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के साथ मिलकर बिजनेस सिमुलेशन लैब स्थापित की जायेगी। इसके अतिरिक्त आईआईडी द्वारा इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट फॉर टेªनिंग में पोटेंशियल इंटरप्रन्योरशिप से साथ एक एमओयू किया जायेगा, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों में टेªनिंग, वर्कशाप तथा सेमिनार होगा। क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया किया जायेगा। नये उद्यम स्थापित कराने एवं पूर्व में स्थापित उद्यमों के पुनर्गठन में सहयोग दिया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव ने मौजूदा औद्योगिक इकाइयों की निर्माण क्षमता बढ़ाने के लिए उनके आधुनिकीकरण के निर्देश दिए है। यह भी कहा कि संस्थान का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जायेगा, जिससे अधिक से अधिक लोग संस्थान की सुविधा का लाभ प्राप्त करें, तभी संस्थान का उद्देश्य पूर्ण होगा और उद्यमिता विकास संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के नाम से जाना जायेगा। बैठक में संस्थान के निदेशक एवं समिति के सदस्य सचिव डी0पी0 सिंह मौजूद थे एवं अन्य पदाधिकारी वर्चुअल जुड़े रहे। 

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विभागीय मत्स्य प्रक्षेत्रों के सुदृढी़करण योजना हेतु 7.05 लाख रूपये से अधिक की धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्तर्देशीय मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विभागीय मत्स्य प्रक्षेत्रों का सुदृढी़करण योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 7.05750 लाख (रूपये सात लाख पांच हजार सात सौ पचास मात्र) रूपये की धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वीकृत की है। इस सम्बन्ध में मत्स्य विभाग द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश में कहा गया कि स्वीकृत की जा रही धनराशि का व्यय परियोजना के दिशा निर्देशों/ गाइडलाइन्स एवं संगत नियमों के अनुसार किया जाये।

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