बिहार सरकार ने कड़े शराब कानून में संशोधन को मंजूरी दी

Bihar government approves amendment in stringent alcohol law
[email protected] । Jul 13 2018 9:43AM

बिहार सरकार ने राज्य में कड़े शराब कानून में संशोधन को मंजूरी देते हुए शराब निरोधक काननू का उल्लंघन करने वालों की सजा कम करने का प्रस्ताव दिया है।

पटना। बिहार सरकार ने राज्य में कड़े शराब कानून में संशोधन को मंजूरी देते हुए शराब निरोधक काननू का उल्लंघन करने वालों की सजा कम करने का प्रस्ताव दिया है। बिहार शराब निरोधक कानून के तहत पहली बार जुर्म करने वाला पांच वर्ष जेल की सजा भुगतने के बजाए सिर्फ जुर्माना भरकर छूट सकता है।राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने प्रस्तावित कानून का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस तरह का जुर्म करने वालों को 50 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा।सरकार बिहार शराब एवं उत्पाद अधिनियम 2016 में संशोधन राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान पेश करेगी।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कल शाम हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

किशोर ने बताया कि जुर्म करने वाला अगर जुर्माना नहीं भर पाता है तो उसे तीन महीने जेल की सजा भुगतनी होगी लेकिन दूसरी बार जुर्म करने पर प्रस्तावित कानून के तहत उसे पांच वर्ष कैद की सजा भुगतनी होगी।उन्होंने कहा कि शराब के व्यापार...निर्माण के लिए पहली बार सजा की अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया गया है जबकि दूसरी बार उसे दस वर्ष कैद की सजा होगी।उन्होंने कहा कि पहले शराब जिस घर या वाहन से बरामद किया जाता था, उसके मालिक और वहां मौजूद लोग दोनों दंड के भागीदार होते थे। उन्होंने कहा कि संशोधन के तहत इसकी जिम्मेदारी वहां मौजूद लोगों पर होगी।उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधन में किसी विशेष गांव के लोग अगर बार-बार जुर्म के दोषी पाए गए तो लोगों के समूह या निवासियों पर सामूहिक जुर्माना लगाने को खत्म कर दिया गया है।महाधिवक्ता ने कहा कि संशोधन लागू होते ही यह नये तथा पुराने लंबित मामलों पर लागू होगा।

 दूसरे शब्दों में पुराने, कड़े कानून के तहत गिरफ्तार लोगों को भी संशोधन के तहत राहत दी जाएगी।नीतीश कुमार की सरकार ने अप्रैल 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लागू किया था।कुमार ने 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं से शराब बंदी का वादा किया था और इस कदम से राज्य को प्रति वर्ष पांच हजार करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ।मुख्यमंत्री ने बाद में खुद ही स्वीकार किया कि कड़े प्रावधानों के दुरूपयोग की शिकायतें मिली हैं और वादा किया कि उपयुक्त संशोधन किए जाएंगे।बहरहाल विपक्षी दलों ने शराब बंदी कानून को बेहद सख्त बताया।

राजद प्रवक्ता और विधायक शक्ति सिंह यादव ने बताया कि प्रस्तावित संशोधन नीतीश कुमार द्वारा महज बचाव का प्रयास है जो गलत तरीके से शराब बंदी कानून लागू करने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कानून के तहत एक लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें अधिकतर गरीब दलित थे। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने शराब बंदी का विरोध किया। उन्होंने कहा , ‘‘ पहली बार जुर्म करने वालों पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है जो गरीबों के साथ धोखा है। हम इस कठोर कानून को खत्म करने की मांग दोहराते हैं। ’’ 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़