बिहार के शराब निर्माताओं को पुराना स्टाक निर्यात करने की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने आज बिहार के शराब निर्माताओं को दो सौ करोड़ रूपए से भी अधिक की शराब के पुराने स्टाक का 31 जुलाई तक राज्य के बाहर निर्यात करने की अनुमति दे दी।
उच्चतम न्यायालय ने अपने पहले के आदेश में सुधार करते हुये आज बिहार के शराब निर्माताओं को दो सौ करोड़ रूपए से भी अधिक की शराब के पुराने स्टाक का 31 जुलाई तक राज्य के बाहर निर्यात करने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाश कालीन पीठ ने बिहार के शराब निर्माताओं की अर्जी पर यह आदेश दिया। शराब निर्माताओं का कहना था कि 29 मई के आदेश में शीर्ष अदालत ने स्टाक नष्ट करने के समय के बारे में तो अनुमति दी लेकिन इसे राज्य के बाहर निर्यात करने के बारे में इसमें कुछ नहीं कहा गया था।
निर्माताओं ने न्यायालय से कहा पहले दी गयी अर्जी में दो ही मुद्दे थे। पहला पुराना स्टाक नष्ट करने के बारे में था जबकि दूसरा मुद्दा इसे अन्य राज्य में निर्यात से संबंधित था परंतु शीर्ष अदालत ने 29 मई के आदेश में सिर्फ स्टाक नष्ट करने का ही जिक्र किया था। पीठ ने आज संक्षिप्त सुनवाई के बाद कहा कि न्यायालय के पहले के आदेश में सुधार के लिये इस अर्जी में उठाये गये मुद्दे की अनुमति देने के लिये पर्याप्त आधार दिया गया है।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में पिछले साल एक अप्रैल से शराब बंदी का निर्णय लागू करते समय शराब निर्माताओं को पुराने स्टाक को दूसरे राज्यों को 30 अप्रैल तक निर्यात करने की अनुमति दी थी। शीर्ष अदालत ने 31 मार्च को इन शराब कंपनियों को 31 मई तक स्टाक खत्म करने की अनुमति दे दी थी जिसे 29 मई के आदेश के तहत 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। साथ ही न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि इसके बाद समय सीमा नहीं बढ़ाई जायेगी।
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