मोदी की शपथ से पहले ही नीतीश ने दिए थे RSS की जानकारी खंगालने के आदेश
स्पेशल ब्रांच के एसपी द्वारा जारी किए गए पत्र में आरएसएस पदाधिकारी समेत 19 संगठनों की विस्तृत जानकारी निकालने के आदेश दिए गए थे।
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद राज्य की खुफिया पुलिस को एक अहम जानकारी देने का आदेश दिया। दरअसल नरेंद्र मोदी द्वारा दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लिए जाने के 2 दिन पूर्व ही बिहार सीएम ने आरएसएस नेताओं से जुड़ी जानकारी निकालने के निर्देश खुफिया पुलिस को दिए। न्यूज बेवसाइट द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक स्पेशल ब्रांच के एसपी द्वारा जारी किए गए पत्र में आरएसएस पदाधिकारी समेत 19 संगठनों की विस्तृत जानकारी निकालने के आदेश दिए गए थे।
इस लेटर की प्रति के मुताबिक आरएसएस नेताओं के नाम, पते, पद और व्यवसाय की जानकारी निकालने को कहा गया। इस पूरे मामले पर अब जेडीयू का रूख भी स्पष्ट हो गया है। बता दें कि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इसे रूटीन मामला बताते हुए कहा कि प्रत्येक राज्य की या केंद्र सरकार की खुफिया इकाई समय-समय पर ऐसा कार्य करती है। इसे किसी संगठन की छवि को धूमिल करने के प्रयास के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।
पत्र की कॉपी किस-किस को भेजी गई
इस पत्र की कॉपी स्पेशल ब्रांच के एडीजी, आईजी और डीआईजी को भी भेजी गई थी। इस पत्र के माध्यम से अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि एक हफ्ते के भीतर संबंधित जानकारी मुहैया कराई जाए। नाम न लिखे जाने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि क्या आपको लगता है कि कोई भी अधिकारी संबंधित जानकारी भेजने में देरी करेगा? जबकि पत्र में स्पष्ट शब्दों पर लिखा है कि एक सप्ताह के भीतर जानकारी देनी है।
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लिस्ट में किस-किस संगठन के नाम शामिल हैं?
पत्र के मुताबिक आरएसएस के अलावा विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जागरण समिति, धर्म जागरण सम्नयव समिति, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हिन्दू राष्ट्र सेना, राष्ट्रीय सेविका समिति,शिखा भारती, दुर्गा वाहिनी, स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय रेलवे संघ, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, अखिल भारतीय शिक्षक महासंघ, हिन्दू महासभा, हिन्दू युवा वाहिनी, हिन्दू पुत्र संगठन के नाम शामिल है। जिसके नीचे लिखा हुआ है कि इसे अतिआवश्यक समझें।
इस पूरे मामले के प्रकाश में आने के बाद आरएसएस नेता ने बताया कि इसमें कई सारे संगठनों के नाम गलत लिखे हुए हैं। जिसके बाद यह साफ हो जाता है कि बिहार की खुफिया पुलिस कितनी कारगर है। हालांकि इस पूरे मामले पर अभी भाजपा की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।
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