बिपिन रावत ने संभाला CDS का कार्यभार, कहा- सेना रहती है राजनीति से दूर

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[email protected] । Jan 1 2020 1:56PM

जनरल रावत ने यह भी कहा कि सीडीएस के तौर पर उनका लक्ष्य तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और एक टीम की तरह काम करने पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि हम अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं। हम मौजूदा सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करते हैं।

नव नियुक्त चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बल अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं और सरकार के निर्देशों के अनुरूप काम करते हैं।  उनकी यह टिप्पणी उन आरोपों के बीच आयी है कि सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। जनरल रावत ने यह भी कहा कि सीडीएस के तौर पर उनका लक्ष्य तीनों सेवाओं के बीच समन्वय और एक टीम की तरह काम करने पर केंद्रित होगा। तीनों सेवाओं से सलामी गारद मिलने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि थल सेना, नौसेना और वायु सेना एक टीम के तौर पर काम करेंगी। सीडीएस उन पर नियंत्रण रखेगा लेकिन सम्मिलित काम के जरिए कार्रवाई की जाएगी।’’ सेना का राजनीतिकरण किए जाने संबंधी आरोपों और सीडीएस के सृजन पर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने आप को राजनीति से दूर रखते हैं। हम मौजूदा सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करते हैं।’’ कुछ विपक्षी नेताओं ने जनरल रावत पर राजनीतिक झुकाव रखने का आरोप लगाया है। 

बुधवार को सीडीएस के तौर पर प्रभार संभालने वाले जनरल रावत ने कहा कि उनका ध्यान यह सुनिश्चित करने पर होगा कि तीनों सेनाओं को मिले संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ और सर्वोत्तम इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा, ‘‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का काम तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बैठाना और उनकी क्षमता बढ़ाना है। हम इस ओर काम करते रहेंगे।’’ जनरल रावत ने कहा, ‘‘सीडीएस अपने निर्देशों से बल को चलाने की कोशिश नहीं करेगा। समन्वय की जरूरत है। आपको तालमेल एवं समन्वय के जरिये और अधिक हासिल करना होगा, यही सीडीएस का लक्ष्य है।’’ समन्वय और संयुक्त प्रशिक्षण पर ध्यान देने के अलावा उन्होंने कहा कि खरीद के लिए प्रणाली में एकरूपता तथा सामंजस्य लाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि सेना, नौसेना और वायु सेना एक-दूसरे के सहयोग से काम कर सकें। थिएटर कमान की स्थापना के बारे में पूछे जाने पर जनरल रावत ने कहा, ‘‘यह करने के कई तरीके हैं, मुझे लगता है कि हम सभी पश्चिमी तरीकों और दूसरों के किए की नकल कर रहे हैं। हमारी अपनी प्रणाली भी तो हो सकती है। हम एक-दूसरे की समझ से प्रणाली बनाने पर काम करेंगे और मुझे लगता है कि यह काम करेगी।’’ 

सेनाओं के बीच समन्वय लाने के लिए सरकार द्वारा तीन साल की समयसीमा तय किए जाने पर सीडीएस ने कहा कि यह संभव है और वह इसके लिए कड़ी मेहनत करेंगे। जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर सशस्त्र पाकिस्तानी घुसपैठियों के साथ मुठभेड़ में दो जवानों के शहीद होने पर उन्होंने कहा कि वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे। यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर काम करने के लिए तीनों सेवाओं की क्या योजनाएं हैं, उन्होंने कहा, ‘‘योजनाएं सार्वजनिक नहीं की जातीं। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता।’’ जनरल रावत ने कहा कि वह सीडीएस के तौर पर तीनों सेवाओं के प्रति निष्पक्ष रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सिर पर हल्का महसूस हो रहा है क्योंकि मैंने वो गोरखा टोपी उतार दी जिसे मैं 41 वर्षों से पहन रहा था, मैं ‘पीक कैप’ पहन रहा हूं जो यह बताने के लिए है कि हम अब निष्पक्ष हैं। सभी तीनों सेवाओं के प्रति निष्पक्ष रहेंगे।’’ उत्तरी सीमा पर चुनौतियों और वहां चीन की गतिविधियों के बारे में पूछने पर जनरल ने कहा कि सेना समेकित प्रयासों से काम करती रहेगी। जनरल रावत तीन साल के कार्यकाल के बाद मंगलवार को सेना प्रमुख पद से सेवानिवृत्त हो गए। सोमवार को उन्हें भारत का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया था। वह तीन साल के कार्यकाल के लिए सीडीएस रहेंगे।

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