भगवान राम की जन्मस्थली नहीं बदली जा सकती: सुब्रमण्यम स्वामी
उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि 1992 में मस्जिद तोड़ी गई। लेकिन सच तो यह है कि हिंदुओं ने नया मंदिर बनाने के लिए पुराने मंदिर को तोड़ा था। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर सभी मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं।
वाराणसी। राज्यसभा सांसद डॉ सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि मस्जिद नमाज पढ़ने का सिर्फ जरिया है और नमाज तो कहीं भी पढ़ी जा सकती है लेकिन भगवान राम की जन्मस्थली नहीं बदली जा सकती। सुब्रमण्यम स्वामी ने यहां बीएचयू में विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष अशोक सिंघल की पुण्यतिथि पर ‘‘श्रीराम जन्म भूमि मंदिर: स्थिति एवं संभावनाएं’’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर हमारे अस्मिता और अस्तित्व का मुद्दा है। कोई ताकत हमें राम मंदिर निर्माण से नहीं रोक सकती।’’ सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मस्जिद तो सिर्फ नमाज पढ़ने का जरिया है। नमाज तो कहीं भी पढ़ी जा सकती है। पर भगवान राम की जन्मस्थल नहीं बदली जा सकती।
उन्होंने कहा कि आरोप लगाया जाता है कि 1992 में मस्जिद तोड़ी गई। लेकिन सच तो यह है कि हिंदुओं ने नया मंदिर बनाने के लिए पुराने मंदिर को तोड़ा था। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को छोड़कर सभी मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं।
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