प्रसन्ना आचार्य ने कहा- आपातकाल के बंदियों की सुध ले सरकार

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[email protected] । Aug 2 2018 6:15PM

आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिये आंदोलन करने वालों की बदहाली का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुये सरकार से इन लोकतंत्र सेनानियों की सुध लेने की मांग की गयी।

नयी दिल्ली। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिये आंदोलन करने वालों की बदहाली का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुये सरकार से इन लोकतंत्र सेनानियों की सुध लेने की मांग की गयी। बीजद के प्रसन्ना आचार्य ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि उड़ीसा में आपातकाल के दौरान जेल गये एक आंदोलनकारी आज भी रिक्शा चलाकर गुजर बसर के लिये अभिशप्त हैं। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान तमाम बड़े नेताओं के साथ लाखों ऐसे लोग जेल गये थे जो आज भी गुमनामी में जी रहे हैं। गरीबी और बदहाली की हालत में रह रहे ऐसे लोगों की खबरें अक्सर देश के तमाम हिस्सों से मीडिया में आती रहती हैं। 

आचार्य ने कहा कि सरकार को इन लोकतंत्र सेनानियों को पहचान कर सहारा देना चाहिये और आर्थिक बदहाली में रह रहे लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन देकर इनकी मदद करना चाहिये। इस दौरान जदयू के रामनाथ ठाकुर ने कारगिल युद्ध में गंभीर रूप से घायल हुये लांस नायक सत्यवीर सिंह की बदहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के 19 साल बाद भी लांस नायक सिंह का इलाज पूरा नहीं हो पाया है और वह दिल्ली में एक दुकान पर बर्तन धोने का काम करने को लाचार हैं। 

रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने हस्तक्षेप करते हुये कहा कि लांस नायक सिंह को युद्धवीरों की सहायता योजना के मानकों के मुताबिक सहायता दी गयी है। सहायता राशि का कोई बकाया नहीं होने का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी लांस नायक सिंह को कोई परेशानी है तो नियमों के मुताबिक सरकार उनकी हरसंभव मदद के लिये तत्पर है। 

भाकपा के विनय विश्वम ने खाड़ी देशों से केरल आने वाली उड़ानों के किराये में अचानक बढ़ोत्तरी का मुद्दा उठाते हुए सरकार से मांग की कि त्योहार ओणम को देखते हुए इसमें हस्तक्षेप कर हवाई यात्रा के किरायों में कटौती करवायी जाए।

शून्यकाल के दौरान असम्बद्ध सदस्य रीताव्रत बनर्जी ने जहां पश्चिम बंगाल में बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का मुद्दा उठाया वहीं कांग्रेस के एस कुजूर ने असम की छह पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने का मुद्दा उठाया। कुजूर ने कहा कि 2016 में इसके लिए एक समिति गठित की गयी थी जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है।

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