भाजपा की मूलभूत नीति का दुष्परिणाम है ‘मॉब लिंचिंग’: मायावती

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[email protected] । Sep 16 2018 2:24PM

उन्होंने कहा ‘‘यह सब काम देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिमों और ईसाइयों आदि के मामले में भाजपा की सरकारों का प्रारम्भ से ही चल रहा, संविधान की मंशा के विरुद्ध काफी पक्षपातपूर्ण और सौतेले रवैये का ही परिणाम है ।

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने आज देश में ‘मॉब लिंचिंग’ की घटनाओं को दलितों तथा मुसलमानों के प्रति भाजपा के पक्षपातपूर्ण रवैये का नतीजा करार देते हुए इसे इस पार्टी की मूलभूत नीति का हिस्सा बताया और कहा कि इस दल के सत्ता में आने के बाद यह सिलसिला खतरनाक तरीके से बढ़ता जा रहा है। मायावती ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा ‘‘देश के भाजपा शासित राज्यों में कथित गोरक्षा के नाम पर मॉब लिचिंग यानी भीड़ तंत्र की बढ़ती प्रवृत्ति लोकतंत्र को कलंकित कर रही है, फिर भी सरकारें उदासीन और लापरवाह बनी हुई हैं।’’ 

उन्होंने कहा ‘‘यह सब काम देश के करोड़ों दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, मुस्लिमों और ईसाइयों आदि के मामले में भाजपा की सरकारों का प्रारम्भ से ही चल रहा, संविधान की मंशा के विरुद्ध काफी पक्षपातपूर्ण और सौतेले रवैये का ही परिणाम है । यह उसकी मूलभूत नीति का हिस्सा है और जो उनके सरकार में आने के बाद खतरनाक तरीके से बढ़ता गया है।’’ बसपा मुखिया ने कहा कि एससी/एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ गत दो अप्रैल को दलित संगठनों द्वारा किये गये ‘भारतबंद’ के बाद से दमन चक्र लगातार चल रहा है।

उन्होंने भाजपा पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन तक को अपने सियासी फायदे के लिये भुनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा ने वाजपेयी के पदचिह्नों पर चलकर सरकार चलायी होती तो देश में धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिक वारदात नहीं होतीं और ना ही लोकतंत्र के स्थान पर भीड़तंत्र का राज होता।

बसपा प्रमुख ने कहा कि राफेल विमान खरीद मामले में जनता को अब तक कोई संतोषजनक जवाब दे पाने में विफल साबित हुई भाजपा लोकसभा और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख प्रलोभन भरी घोषणाएं करके और तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल रही है।

मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार ने काफी अपरिपक्व तरीके से नोटबंदी करके आर्थिक इमर्जेंसी लगायी, जिससे मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों और मेहनतकश लोगों का उत्पीड़न हुआ और 100 से ज्यादा गरीबों की मौत हो गयी। अब भाजपा के पास नोटबंदी के नाम पर सान्त्वना देने के लिये भी कुछ नहीं बचा है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों ने नोटबंदी की हकीकत उजागर कर दी है। भाजपा सरकार को कम से कम अब तो इस राष्ट्रीय त्रासदी को अपनी गलती मानकर माफी मांग लेनी चाहिये।

उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के सुनहरे सपने दिखाकर वोट लेने वाली भाजपा सरकार ने आम लोगों की हालत खराब कर दी है। इस सरकार ने पूंजीपतियों को छोड़कर किसी का भी भला नहीं किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक एससी/एसटी एक्ट के दुरुपयोग की आशंकाओं का सवाल है तो बसपा का कहना है कि अगर वर्तमान राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में बसपा की पिछली सरकार की तरह अपनी ‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’ की नीति के आधार पर काम करती हैं तो किसी भी कीमत पर इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो सकता।

बसपा प्रमुख ने कहा कि लोकसभा चुनाव और उससे पहले कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों की यह कोशिश होगी कि भाजपा को किसी भी कीमत पर सत्ता में आने से रोका जाए। इसके लिये गठबंधन करके चुनाव लड़ने की बात भी हो रही है। हमारी पार्टी गठबंधन के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस बारे में उसका शुरू से ही स्पष्ट नजरिया है कि वह किसी भी दल के साथ तभी कोई गठबंधन करेगी, जब उसे सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। वरना हमारी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ना बेहतर समझती है।

रावण से मेरा कोई नाता नहीं: मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि पिछले साल मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तारी के बाद पिछले दिनों रिहा किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण के साथ कोई नाता होने से इंकार कर दिया । 

मायावती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘मैं देख रही हूं कि कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ में तो कुछ लोग अपने बचाव में और कुछ लोग खुद को नौजवान दिखाने के लिये कभी मेरे साथ भाई-बहन का तो कभी बुआ-भतीजे का रिश्ता जोड़ रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई हिंसा के मामले में अभी हाल में रिहा हुआ व्यक्ति (चंद्रशेखर उर्फ रावण) उनके साथ बुआ का नाता जोड़ रहा है । दरअसल, उनका कभी भी ऐसे लोगों के साथ कोई सम्मानजनक रिश्ता नहीं कायम हो सकता। अगर ऐसे लोग वाकई दलितों के हितैषी होते तो अपना संगठन बनाने की बजाए बसपा से जुड़ते।

मालूम हो कि मई 2017 में सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में गिरफ्तार किये गये ‘भीम आर्मी‘ के संस्थापक चंद्रशेखर को 14 सितम्बर को रिहा किया गया था। रिहाई के बाद उन्होंने कहा था कि मायावती उनकी बुआ हैं और उनका उनसे कोई विरोध नहीं है।

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