भाजपा उम्मीदवार बोले, मुरादाबाद में चुनाव जीतना मुश्किल लेकिन जीतेंगे
लोकसभा क्षेत्र के अंदरूनी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में व्यस्त कुमार ने कहा, ‘‘चुनाव मुश्किल होगा लेकिन हम जीत के प्रति आश्वस्त हैं। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे काम देख रहे हैं।
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)। मुरादाबाद लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार ने कहा है कि इस सीट से चुनाव मुश्किल होगा लेकिन भाजपा बेहतर अंतर से जीत दर्ज करेगी। मुरादाबाद से पांच बार के विधायक कुमार ठाकुर जाति से हैं। कांग्रेस ने इस सीट से इमरान प्रतापगढ़ी को उम्मीदवार बनाया है जो अपनी रचनाओं और भाषणों से भाजपा सरकार पर अक्सर सवाल उठाते रहे हैं। इसके साथ ही इस सीट पर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के एस. टी. हसन को उम्मीदवार बनाया है। वह पेशे से चिकित्सक हैं और उनकी नजर मुस्लिम वोटों पर है। कुल 19.41 लाख वोटरों में से मुस्लिम मतदाता करीब 47 प्रतिशत हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि मुस्लिम मतदाता अक्सर चुनाव प्रचार के आखिर तीन दिनों के दौरान अपना समर्थन तय करते हैं।
लोकसभा क्षेत्र के अंदरूनी क्षेत्रों में चुनाव प्रचार में व्यस्त कुमार ने कहा, ‘‘चुनाव मुश्किल होगा लेकिन हम जीत के प्रति आश्वस्त हैं। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे काम देख रहे हैं। हमने अपनी रैलियों में सपा-बसपा गठबन्धन की तुलना में भारी भीड़ देखी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम वोटों का बंटवारा नहीं हुआ है। चुनाव कांग्रेस बनाम भाजपा हो गया है लेकिन जीत को लेकर मेरे मन में कोई संदेह नहीं है।’’कुमार 2014 में मुरादाबाद से सांसद चुने जाने से पहले ठाकुरद्वारा से पांच बार विधानसभा सदस्य रहे थे। उनके पुत्र अब बड़हापुर से विधायक हैं जो संसदीय क्षेत्र के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। मुस्लिमों के अलावा जाटव मतदाता नौ प्रतिशत हैं जो पारंपरिक रूप से बसपा के समर्थक रहे हैं। बसपा समर्थक रणविजय ने कहा, ‘‘हम बहन मायावती जी की इच्छाओं का पालन करते हैं। अब चूंकि गठबंधन हुआ है, बसपा मतदाता (जाटव) बहनजी की इच्छा के अनुसार पूरा समर्थन देंगे।’’
इसे भी पढ़ें: पटनायक के किले में सेंध लगाने की कोशिश, ओडिशा में PM का बंपर प्रचार
भाजपा बचाव की मुद्रा में है क्योंकि अनुसूचित जाति समुदाय ‘बाल्मीकि’ से उसके मतदाता अपने स्थानीय सांसद कुमार से नाराज हैं। उनका कहना है कि वे या तो बसपा-सपा-रालोद गठबंधन का समर्थन करेंगे या अपना वोट नहीं डालेंगे। दौलत बाग बाल्मीकि कालोनी के निवासी हरकेश ने कहा, ‘‘हमने परंपरागत रूप से कांग्रेस को वोट दिया है और फिर हमने भाजपा का समर्थन किया। हमारे समर्थन से कुमार (2014 में) की जीत हुई। लेकिन पिछले पांच वर्षों में वह हमसे नहीं मिले।’’ उन्होंने कहा कि जब भी समुदाय ने कुमार की उपस्थिति चाही उन्होंने अपने प्रतिनिधि भेज दिये। ‘‘हम इस बार उन्हें वोट नहीं देंगे।’’ समुदाय के कई अन्य लोगों ने भावना को साझा किया। उधर, 55 वर्षीय हसन ने गरीबों को इलाज मुहैया कराया है और सोचते हैं कि यह काम करेगा।
अन्य न्यूज़