जमुई में बिहार खेल प्राधिकरण स्थापित करना चाहती हैं बीजेपी की उम्मीदवार श्रेयसी सिंह

 Shreyasi Singh

जमुई से विधानसभा सीट के लिए भाजपा की उम्मीदवार श्रेयसी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का चेहरा बनकर बिहार के लोगों का आजीविका के लिए पलायन रोकने के लिये काम करना चाहती हैं।

जमुई। खेल की दुनिया में नाम कमाने के बाद राजनीति में उतरी श्रेयसी सिंह बिहार में खेलकूद को पेशेवर एवं प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये राज्य सरकार के सहयोग से जमुई में बिहार खेल प्राधिकरण स्थापित करना चाहती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के दिग्गज नेता दिवंगत दिग्विजय सिंह की पुत्री 29 वर्षीय श्रेयसी, जमुई से विधानसभा सीट के लिए भाजपा की उम्मीदवार हैं। श्रेयसी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत का चेहरा बनकर बिहार के लोगों का आजीविका के लिए पलायन रोकने के लिये काम करना चाहती हैं ताकि प्रदेश के लोग अपने परिवार के साथ यहीं गरिमामय जीवन जी सकें। जमुई लोकसभा सीट से लोजपा नेता चिराग पासवान सांसद हैं। इस विधानसभा सीट से श्रेयसी सिंह के खिलाफ राज्य के पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक विजय प्रकाश राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता श्रेयसी सिंह ने कहा, ‘‘ खेल, कला और संस्कृति मेरी प्राथमिकता रहेगी। प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और मेरा काम उन्हें मंच प्रदान करना होगा। 

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उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में खेलकूद को पेशेवर एवं प्रतिस्पर्धी बनाने के लिये वे मध्यप्रदेश खेल प्राधिकरण की तर्ज पर प्रदेश सरकार के सहयोग से जमुई में बिहार खेल प्राधिकरण स्थापित करना चाहती हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह ऐसा खेल प्राधिकरण होगा जहां पूरी तरह से राज्य के वित्त पोषण से भविष्य के खिलाड़ियों को न केवल प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा बल्कि रहने, खाने और पढ़ने की भी सुविधा उपलब्ध होगी। अर्जुन पुरस्कार विजेता श्रेयसी ने कहा, ‘‘ जब आप राजनीति की बात करते हैं तो विकास की बात होनी चाहिए। सिर्फ मूलभूत ढांचा ही नहीं, बल्कि बहुआयामी विकास।’’ उन्होंने कहा कि विभिन्न सुदूर क्षेत्रों सहित पूरे बिहार में औद्योगिक विकास को और बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। श्रेयसी ने कहा, ‘‘बिहारी बिहार छोड़कर क्यों जाए और दूसरी जगह दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह क्यों रहे। यह सही नहीं है। हम बिहार में नौकरी के मौके क्यों नहीं पैदा करें, ताकि हमारे लोग अपने परिवार के साथ यहीं गरिमामय जीवन जी सकें।’’ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वह जमुई को एक ‘आदर्श क्षेत्र’ (रोल मॉडल) बनाना चाहती है और यह बताना चाहती हैं कि एक विधायक अपने क्षेत्र के लिये क्या कर सकता है। देश की जानी मानी निशानेबाज श्रेयसी ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने का चेहरा बनना चाहती हूं। इसके लिये आत्मनिर्भर बिहार के लिये योगदान करना चाहती हूं और पलायन रोकने के लिये काम करना चाहती हूं। इसकी शुरूआत मैं जमुई से करना चाहती है।’’ यह पूछे जाने पर कि राजनीति में आने के बाद क्या खेल की दुनिया से अलग हो जायेंगी, श्रेयसी ने कहा, ‘‘ मैं राजनीति के साथ निशानेबाजी जारी रखूंगी। यही वजह है कि मैंने लोकसभा की बजाय विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया। विधानसभा क्षेत्र लोकसभा की तुलना में छोटा होता है। ओलंपिक पदक जीतना अभी भी मेरा सपना है।’’ 

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जमुई की समस्याओं का जिक्र करते हुए श्रेयसी ने कहा कि कृषि और सिंचाई इस क्षेत्र की प्रमुख समस्या है। केंद्र और राज्य के स्तर पर कई कल्याण योजनाएं बनी है और इन पर काम भी हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ योजनाएं काजग पर हैं लेकिन जमीन पर नहीं उतरी हैं, उनका प्रयास रहेगा कि इन योजनाओं का लोगों को लाभ पहुंचे। श्रेयसी ने कहा कि लड़कियों की साक्षरता दर बढ़ी है लेकिन ड्रापआउट दर में भी वृद्धि हुई है, ऐसे में वह उच्च माध्यमिक स्तर पर लड़कियों की पढ़ाई सुनिश्चत करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता (दिग्विजय सिंह) के कई अधूरे सपने हैं जिन्हें वह पूरा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये वह काम करेंगी जिसमें जटायु गिद्धेश्वर मंदिर, जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर से जुड़े स्थलों आदि का विकास किया जायेगा। यह पूछे जाने पर कि चुनाव के लिये उन्हें कई दलों से टिकट की पेशकश आई थी, श्रेयसी ने सिर्फ इतना कहा कि हमारी किसी व्यक्ति विशेष या दल से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। लोजपा नेता और जमुई के सांसद चिराग पासवान द्वारा लोगों से उन्हें वोट देने की अपील करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह इसे अपना सम्मान मानती है और उन्हें धन्यवाद देती हैं। गौरतलब है कि श्रेयसी सिंह का ताल्लुक राजनीतिक परिवार से है। उनके पिता दिवंगत दिग्विजय सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं बिहार के दिग्गज नेता थे। उनकी मां पुतुल देवी भी सांसद रह चुकी हैं। दिग्विजय सिंह वी पी सिंह और चंद्रशेखर के नेतृत्व वाली सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। वे अटल बिहारी वाजपेयी की राजग सरकार में रेल राज्य मंत्री थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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