भाजपा ने पवार के देशमुख के बचाव को चुनौती दी, फरवरी में संवाददाता सम्मेलन का उल्लेख किया
देशमुख ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्हें 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, क्योंकि वह कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे और 15 फरवरी को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने फरवरी के मध्य में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था और उनसे बार और रेस्तरां से धन इकट्ठा करने में मदद करने के लिए कहा था। राकांपा प्रमुख पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘‘शरद पवार जी ने कहा, 15 से 27 फरवरी तक गृह मंत्री अनिल देशमुख घर पर पृथकवास में थे।’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘लेकिन वास्तव में सुरक्षा कर्मियों और मीडिया के साथ वह संवाददाता सम्मेलन करते देखे गए थे।’’ हालांकि, देशमुख ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि उन्हें 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, क्योंकि वह कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे और 15 फरवरी को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।परमवीर सिंग यांच्या पत्रावर श्री शरद पवार यांना पुरेशी माहिती देण्यात आलेली नाही, असे स्पष्टपणे दिसून येते.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) March 22, 2021
या पत्रात नमूद केलेला ‘एसएमएस’चा पुरावाच सांगतो की, ही भेट फेब्रुवारीच्या अखेरीस झालेली आहे.
आता नेमके कोण दिशाभूल करते आहे? pic.twitter.com/adujxqxaBU
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देशमुख ने कहा, ‘‘जब मैं अस्पताल से बाहर निकल रहा था तो कई पत्रकार अस्पताल के बाहर खड़े थे। वे मुझसे कुछ सवाल पूछना चाहते थे। मैं तब कमजोरी महसूस कर रहा था क्योंकि मैं तब कोविड-19 से उबरा ही था।’’ देशमुख ने कहा, ‘‘इसलिए, मैं गेट के पास एक कुर्सी पर बैठ गया और पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। फिर मैं तुरंत गाड़ी में बैठा, घर गया और वहां पृथकवास में चला गया।’’ देशमुख ने कहा कि वह 27 फरवरी तक घर पर पृथकवास में थे और 28 फरवरी को मुंबई में सह्याद्री गेस्ट हाउस में एक बैठक में शामिल होने के लिए निकले थे। पवार ने इससे पहले दिन में देशमुख के इस्तीफे से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि सिंह के भ्रष्टाचार के आरोप उस अवधि के हैं, जब देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए अपने आठ पन्नों के पत्र में सिंह ने शनिवार को दावा किया कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से 100 करोड़ रुपये मासिक इकट्ठा करें।
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