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BJP प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से की मुलाकात, पश्चिम बंगाल को संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- मार्च 13, 2019 17:34
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आयोग से मुलाकात के बाद प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल को संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग की है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षक तैनात करने का आग्रह किया है।
नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भाजपा के एक शिष्टमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश को ‘संदेवदनशील राज्य’ घोषित करने की मांग की। भाजपा शिष्टमंडल में प्रसाद के अलावा केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा नेता भूपेन्द्र यादव, कैलाश विजयवर्गीय आदि शामिल थे।आयोग से मुलाकात के बाद प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल को संवेदनशील राज्य घोषित करने की मांग की है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षक तैनात करने का आग्रह किया है।
Union Minister Ravi Shankar Prasad after BJP delegation meeting with Election Commission in Delhi today: We have demanded that the state of West Bengal should be declared as super-sensitive state. We've also demanded that central forces should be deployed at all polling booths. pic.twitter.com/PQSp60dIQl
— ANI (@ANI) March 13, 2019
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पार्टी ने कहा है कि बंगाल में हर बूथ पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती होनी चाहिए। भाजपा ने आयोग से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ लगाये गए आरोपों पर संज्ञान लेने की मांग भी की। भाजपा ने जोर दिया है कि ये आरोप गलत हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जाएंगे। निवार्चन आयोग ने हर चरण में पश्चिम बंगाल की सीटों पर चुनाव का ऐलान किया है। देश में सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई तक मतदान होने के बाद 23 मई को मतगणना होगी।
पाकिस्तान में अलग सिंधु देश की मांग, PM मोदी की तस्वीरों के साथ प्रदर्शन
- अभिनय आकाश
- जनवरी 18, 2021 13:03
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पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के तारे गर्दिश में हैं। पाकिस्तान में इमरान खान पर विपक्ष तो हमलावर था ही जैसा जनता का रुख है उसने भी इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा दी है। रविवार को सिंध के सान कस्बे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। रैली में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बैनर और पोस्टर भी देखने को मिले। पीएम मोदी के अलावा कई अन्य बड़े देशों के नेताओं के पोस्टर भी इस रैली में थे। प्रदर्शन करने वाले लोग अलग सिंधुदेश और पीएम मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी पीएम मोदी से सिंध को अलग गेश बनाने के लिए समर्थन भी मांग रहे थे।
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गौरतलब है कि 1947 के भारत-पाक बंटवारे से लेकर अब तक पाकिस्तान के दोयम दर्जे की नीतियों और सेना की जूतों के तले रखने की आदतों का शिकार होना पड़ता है। जिस तरह बलूचिस्तान पश्चूनिस्तान की मांग पंजाबी वर्चस्व वाली पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए गले की हड्डी बनी हुई है, ठीक उसी तरह सिंध प्रांत की मांग भी लंबे अरसे की की जाती रही है। वहां की सड़कों पर रह-रहकर यह नारा जोर मारता है 'कल बना था बांग्लादेश, अब बनेगा सिंधुदेश'।
#WATCH: Placards of PM Narendra Modi & other world leaders raised at pro-freedom rally in Sann town of Sindh in Pakistan, on 17th Jan.
— ANI (@ANI) January 18, 2021
Participants of the rally raised pro-freedom slogans and placards, seeking the intervention of world leaders in people's demand for Sindhudesh. pic.twitter.com/FJIz3PmRVD
ट्रैक्टर रैली रोकने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यह कानून-व्यस्था का मामला
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 13:03
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ट्रैक्टर रैली रोकने संबंधी याचिका पर न्यायालय ने कहा कि यह कानून-व्यस्था का मामला है।पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रवेश का मामला न्याय व्यवस्था से जुड़ा है और पुलिस इस पर फैसला करेगी।’’ उसने कहा, ‘‘अटॉर्नी जनरल, हम इस मामले की सुनवाई स्थगित कर रहे हैं और आपके पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह फैसला लेने का पहला अधिकार पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। प्रस्तावित ट्रैक्टर या ट्रॉली रैली अथवा गणतंत्र दिवस पर समारोहों एवं सभाओं को बाधित करने की कोशिश करने अन्य प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि पुलिस के पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार हैं।
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न्यायमूर्ति एलएन राव और न्यायमूर्ति विनीत सरन भी इस पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘क्या उच्चतम न्यायालय यह बताएगा कि पुलिस की क्या शक्तियां हैं और वह इनका इस्तेमाल कैसे करेगी? हम आपको यह नहीं बताने जा रहे कि आपको क्या करना चाहिए।’’ पीठ ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को बताया कि मामले में आगे की सुनवाई 20 जनवरी को होगी। पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली में प्रवेश का मामला न्याय व्यवस्था से जुड़ा है और पुलिस इस पर फैसला करेगी।’’ उसने कहा, ‘‘अटॉर्नी जनरल, हम इस मामले की सुनवाई स्थगित कर रहे हैं और आपके पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार है।
भारत में आठ महीने बाद 24 घंटे में कोविड-19 से सबसे कम 145 लोगों की मौत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 12:50
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भारत में इस महीने में दूसरी बार एक दिन में कोविड-19 के 14 हजार से कम नए मामले सामने आए जबकि नए मामलों के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,05,71,773 हो गई। वहीं एक दिन में 145 और मरीजों की मौत हुई, जो पिछले करीब आठ महीने में सबसे कम है।
नयी दिल्ली। भारत में इस महीने में दूसरी बार एक दिन में कोविड-19 के 14 हजार से कम नए मामले सामने आए जबकि नए मामलों के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,05,71,773 हो गई। वहीं एक दिन में 145 और मरीजों की मौत हुई, जो पिछले करीब आठ महीने में सबसे कम है। केन्द्रीय स्वास्थय मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में एक दिन में कोविड-19 के 13,788 नए मामले सामने आए। इससे पहले 12 जनवरी को 12,548 नए मामले सामने आए थे।
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वहीं वायरस से 145 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,52,419 हो गई। आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,02,11,342 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.59 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.44 प्रतिशत है। देश में वायरस के उपचाराधीन मरीजों की संख्या तीन लाख से कम ही है। कुल 2,08,012 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 1.97 प्रतिशत है।
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भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 17 जनवरी तक कुल 18,70,93,036 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई। उनमें से 5,48,168 नमूनों की जांच रविवार को की गई। आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में 145 लोगों की वायरस से मौत हुई। उनमें से महाराष्ट्र के 50, केरल के 21, पश्चिम बंगाल के 12 और दिल्ली के आठ लोग शामिल हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में वायरस से अभी तक कुल 152419 लोगों की मौत हुई है, जिनमें से महाराष्ट्र के 50,438, तमिलनाडु के 12,264, कर्नाटक के 12,166, दिल्ली के 10,746, पश्चिम बंगाल के 10,053, उत्तर प्रदेश के 8,576, आंध्र प्रदेश के 7,140 और पंजाब के 5,504 लोग थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का आईसीएमआर के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।

