गोवा चुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर, मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए बना रही रणनीति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और प्रदेशाध्यक्ष सदानंद तानावडे के साथ एक बैठक की। इस बैठक में पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने की दिशा पर बात हुई।
पणजी। गोवा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रणनीतियां बनाने का काम शुरू चुकी है। आपको बता दें कि 40 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में करीब 10 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। जो किसी भी दल की जीत-हार में निर्णायक साबित होते हैं और इनका प्रभाव तकरीबन 6 सीटों पर दिखाई देता है। ऐसे में भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी यासिर जिलानी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और प्रदेशाध्यक्ष सदानंद तानावडे के साथ एक बैठक की। इस बैठक में पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत करने की दिशा पर बात हुई। जिसकी जिम्मेदारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को सौंपने के लिए रणनीति बनाई जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक यासिर जिलानी ने बताया कि हमने सभी जिला अध्यक्षों को बूथ स्तर पर अल्पसंख्यक मोर्चा की टीमों का गठन करने का निर्देश दिया है।
500 अल्पसंख्यक वोट का रखा लक्ष्य
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा ने हर बूथ से करीब 500 अल्पसंख्यक वोट हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसी को ध्यान में रखते हुए बूथ स्थर पर अल्पसंख्यक मोर्चा की टीमों का गठन करने का निर्देश दिया गया है। इनका काम पार्टी को मजबूत करना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक गोवा में 1.60 लाख के करीब मुस्लिम मतदाता हैं। जो कुल मतदाताओं का 10 फीसदी हिस्सा हैं। जिनमें से 9 फीसदी सुन्नी और 1 फीसदी में शिया, बोरा, खोजा मतदाता शामिल हैं। भाजपा के एक नेता ने बताया कि 1 फीसदी मुस्लिम मतदाता और कुछ सुन्नी मतदाता हमारे साथ है।
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सीएए मुद्दे पर देना पड़ रहा जवाब
आपको बता दें कि भाजपा मुस्लिमों को लुभाने की कोशिश तो कर ही रही है लेकिन नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर सवालों के सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुस्लिम समुदाय के बीच में कई बैठकें की गई हैं और इनमें यह सवाल उठा कि क्या भाजपा मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान पर उतारेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने 36 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। जिनमें से कांग्रेस को 17 और भाजपा को 13 सीटें मिली थीं। इसके बावजूद कांग्रेस सरकार बना पाने में कामयाब नहीं हुई और भाजपा ने बाजी मार ली। ऐसे में भाजपा ने आगामी चुनाव को लेकर कमर कस ली है।
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