चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान: ममता के दावे पर भड़के भाजपा नेता, ट्वीट कर साधा निशाना
ममता बनर्जी ने कहा कि हमने पहले ही इसका उद्घाटन महामारी के प्रकोप के दौरान कर दिया था जब हमें कोविड केंद्र की आवश्यकता पड़ी थी। इससे बहुत मदद मिली। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कह दिया कि यह संस्थान राज्य सरकार के साथ भी जुड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के दूसरे परिसर को आज राष्ट्र को समर्पित किया। हालांकि ममता बनर्जी ने दावा किया है कि उन्होंने पिछले साल ही इस परिसर का उद्घाटन कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस परिसर का उद्घाटन करने के लिए डिजिटल तरीके से जुड़े थे। इसी दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि हमने पहले ही इसका उद्घाटन महामारी के प्रकोप के दौरान कर दिया था जब हमें कोविड केंद्र की आवश्यकता पड़ी थी। इससे बहुत मदद मिली। इसके साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी कह दिया कि यह संस्थान राज्य सरकार के साथ भी जुड़ा है। ममता बनर्जी के इसी बयान को लेकर अब भाजपा उन पर हमलावर हो गई है।
भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि पूरी भारत के सबसे उन्नत और पूरी तरह से सुसज्जित कैंसर हॉस्पिटल का औपचारिक उद्घाटन को बदनाम करने के लिए कोविड की दूसरी लहर के दौरान निर्माणाधीन सुविधा के आपातकालीन उपयोग को गलत तरीके से व्यक्त करना पश्चिम बंगाल के लोगों को गुमराह करने का एक जानबूझकर प्रयास है। इसके साथ ही उन्होंने काह कि न केवल आपने जानबूझकर अपमानित किया बल्कि इस तथ्य को छिपाने की कोशिश की कि, केंद्र सरकार ने 75% धनराशि प्रदान की है; यानी 400 करोड़ रुपये। , लेकिन भारत की संघीय राजनीति का भी अपमान किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।Not only you disparaged intentionally, trying to conceal the fact that, the Central Govt has provided 75% of the funds; i.e. 400 crores, but also belittled the Federal Polity of India and stained the sanctity of a solemn occasion.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 7, 2022
How unfortunate. pic.twitter.com/X64k9zHeDe
वहीं भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ममता के दावे पर पलटवार किया है। उन्होंने ममता पर बेवजह टकराव का भी आरोप लगा दिया और कहा कि ममता बनर्जी को जानकारी की कोई परवाह नहीं है, पीएम के साथ बैठकों के लिए तैयार नहीं हैं। वह मृत्यु दर को सहरुग्णता के रूप में संदर्भित करती है और सोचती है कि वह एक बुद्धिमान बिंदु बना रही है। इसी तरह, बंगाल के पास लोगों को टीका लगाने के लिए आवश्यक सभी टीके हैं लेकिन ऐसा करने में वह शानदार रूप से विफल रही है। आपको बता दें कि चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास से 534 करोड में बनकर तैयार हुआ है। इसमें केंद्र का हिस्सा 75% है जबकि राज्य का हिस्सा 25% है।Mamata Banerjee has no regard for details, comes unprepared for meetings with the PM. She refers to mortality as comorbidity and thinks she is making an intelligent point. Similarly, Bengal has all the vaccine it needs to inoculate people but it has failed spectacularly to do so. pic.twitter.com/shea8zPVog
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 7, 2022
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